निर्धारित तिथि पर परिपक्वता राशि मांगने पर आलोक सहित अन्य आरोपियों द्वारा टालमटोल किया गया. अंत में निवेश की गयी मूल राशि की मांग पर अभय के साथ ही उनके संबंधियों के साथ मारपीट भी की गयी. इस मामले में अभय कुमार सिन्हा ने ब्रह्मपुरा थाना में आलोक कुमार श्रीवास्तव सहित दस लोगों पर लगभग 75 लाख रुपये गबन करने का मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.
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चिट फंड के नाम पर 75 लाख की ठगी
मुजफ्फरपुर: ब्रह्मपुरा के अभय कुमार सिन्हा, उनकी बहन डॉ. आभा सिन्हा सहित उनके आधा दर्जन से अधिक संबंधियों को अधिक मुनाफा का लोभ देकर आलोक कुमार श्रीवास्तव ने लाखों रुपये की चपत लगायी है. आलोक ने इन लोगों से फर्जी नन बैकिंग कंपनी मैग्नेटो कंप्यूटर व महालया में राशि निवेश कर इनके लाखों रुपये का […]
मुजफ्फरपुर: ब्रह्मपुरा के अभय कुमार सिन्हा, उनकी बहन डॉ. आभा सिन्हा सहित उनके आधा दर्जन से अधिक संबंधियों को अधिक मुनाफा का लोभ देकर आलोक कुमार श्रीवास्तव ने लाखों रुपये की चपत लगायी है. आलोक ने इन लोगों से फर्जी नन बैकिंग कंपनी मैग्नेटो कंप्यूटर व महालया में राशि निवेश कर इनके लाखों रुपये का गबन किया है.
ये है मामला
ब्रह्मपुरा निवासी डॉ. आभा सिन्हा के घर पर वर्ष 2009 के जनवरी माह में ममता श्रीवास्तव नामक एक महिला इलाज के लिए आयी. उसके साथ स्नेहा कुमारी नामक एक लड़की भी थी. इलाज के दौरान ही दोनों ने डॉ. आभा को महालया कंपनी के संदर्भ में जानकारी देते हुए उसमें निवेश करने की राय दी. उसने महालया को दुबई की कंपनी बताते हुए इसमें निवेश करने पर अच्छे मुनाफे का भरोसा भी दिलाया. इसके बाद ममता ने उन्हें अपने पति आलोक श्रीवास्तव से मिलवाया. आलोक ने अपने-आपको महालया का कंट्री प्रमुख बताते हुए इसमें निवेश पर आकर्षक लाभांश का प्रलोभन दिया. प्रत्येक निवेश प्लान के परिपक्वता तिथि पूर्व निर्धारित होने की बात कही. साथ ही परिपक्वता राशि का भुगतान डायरेक्ट बैंक खाते में एनइएफटी द्वारा किये जाने का भी भरोसा दिलाया. कंपनी के आलोक कुमार के अलावा उसके भाई प्रकाश कुमार श्रीवास्तव, उसकी पत्नी ममता श्रीवास्तव, बसंती देवी, अर्चना कुमारी, स्नेहा कुमारी, विभा श्रीवास्तव, विनीत कुमार, राजू कुमार व महेश प्रसाद भी नये-नये प्लान का प्रलोभन देकर निवेश कराने के काम में शामिल रहते थे.
कई बार खाते में परिपक्वता राशि भेज दिलाया भरोसा. सबसे पहले डॉ. आभा सिन्हा ने वर्ष 2009 के फरवरी माह में महालया में निवेश किया. प्रथम निवेश के बाद डॉ आभा को मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से आलोक ने लॉगिन आइडी एवं पासवार्ड दिया. इनके मोबाइल पर जमा राशि व इसकी परिपक्वता तिथि का एसएमएस भी आया. कई बार खाते में परिपक्वता राशि भी भेजी गयी. इससे इनका कंपनी पर विश्वास बढ़ गया.
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