फोटो दीपकगौ गंगा ग्राम संरक्षण संवर्द्धन परिषद् की ओर से मनायी गयी पुण्य तिथिवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर स्वामी सहजानंद सरस्वती ने पहली बार किसानों को गोलबंद कर जिले में किसान संगठन बनाया था. करीब एक शताब्दी पूर्व उन्होंने सोनपुर में अधिवेशन कर अंग्रेजों व सामंतों को चुनौती दी थी. स्वामी सरस्वती का संघर्षपूर्ण जीवन का बहुत बड़ा भाग मुजफ्फरपुर में बीता. उन्होंने किसान विरोधी नीति को चुनौती दी थी. लेकिन आज यहां उनकी स्मृति को संरक्षित करने वाला एक स्मारक तक नहीं है. उक्त बातें चंद्र किशोर पराशर ने रविवार को स्वामी सहजानंद की पुण्य तिथि पर गौ गंगा ग्राम संरक्षण संवर्द्धन परिषद् की ओर से नवयुवक समिति में रविवार को आयोजित समारोह में कही. उन्होंने जिले में उनके नाम से एक स्मारक बनाने की मांग रखी. कथावाचक मनीष माधव ने स्वामी सरस्वती को कृषि संस्कृति व ऋषि संस्कृति का आधुनिक उन्नायक बताया. धर्मेंद कुमार ने स्वामी जी के दर्शन को ग्राम विकास का आधार बनाये जाने की अपील की. डॉ रमेश केजरीवाल ने उन्हें कालजयी व्यक्तित्व का स्वामी बताया. अरुण शर्मा ने उन्हें परशुराम का अवतार बताया. इस मौके पर रणवीर अभिमन्यु, अरुण शुक्ला, मुन्नी चौधरी, डॉ नीलिमा वर्मा, विकास कुमार, नीतीश कुमार, रामनरेश सहनी, छोटू यादव, मोहन यादव, संतोष रंजन सहित कई लोगों ने विचार रखे.
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स्वामी सहजानंद की याद में बने स्मारक
फोटो दीपकगौ गंगा ग्राम संरक्षण संवर्द्धन परिषद् की ओर से मनायी गयी पुण्य तिथिवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर स्वामी सहजानंद सरस्वती ने पहली बार किसानों को गोलबंद कर जिले में किसान संगठन बनाया था. करीब एक शताब्दी पूर्व उन्होंने सोनपुर में अधिवेशन कर अंग्रेजों व सामंतों को चुनौती दी थी. स्वामी सरस्वती का संघर्षपूर्ण जीवन का बहुत […]
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