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एमआइटी में करोड़ों की राशि का लेखा-जोखा नहीं

मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) में करोड़ों के खर्च का लेखा-जोखा नहीं मिल रहा है. इसका खुलासा तब हुआ, जब प्राचार्य अंजनी कुमार नथानी ने तबादले के बाद विभिन्न विभागों की कैश बुक को जांच के लिए मंगवाया. बताया जाता है कि कैश बुक को अद्यतन करने के दौरान राशि का पता ही […]

मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) में करोड़ों के खर्च का लेखा-जोखा नहीं मिल रहा है. इसका खुलासा तब हुआ, जब प्राचार्य अंजनी कुमार नथानी ने तबादले के बाद विभिन्न विभागों की कैश बुक को जांच के लिए मंगवाया. बताया जाता है कि कैश बुक को अद्यतन करने के दौरान राशि का पता ही नहीं चल पाया. संस्थान में राशि के गबन का खेल बताते हैं कि पिछले पांच सालों से चल रहा था. अब इसको लेकर प्राथमिकी दर्ज कराने की बात हो रही है.
ऐसे खुला मामला . एमआइटी के प्राचार्य अंजनी कुमार नथानी सहित कई प्राध्यापकों स्थानांतरण विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग द्वारा गत 30 जून को किया गया. बीसीइ भागलपुर के प्राचार्य डॉ अचिंत्य को एमआइटी का प्राचार्य नियुक्त किया गया है. विभाग ने वर्तमान प्राचार्य अंजनी कुमार नथानी को कैश बुक अद्यतन कर चार्ज देने का निर्देश दिया है. प्राचार्य अंजनी कुमार नथानी ने इसके लिए संस्थान के सभी विभागों व संस्था में सरकार की ओर से मिली राशि के खर्च की जांच शुरू की. इस दौरान ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट, एल्यूमनी, स्मॉल इंडस्ट्रीज रिसर्च ट्रेनिंग, बाल निकेतन, तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार योजना में खर्च किये गये करोड़ों रुपये का पता नहीं चला. इस वजह से इनकी कैश बुक अद्यतन नहीं हो सकी.
राशि का लेखा-जोखा नहीं
एमआइटी के सुत्रों के अनुसार ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट विभाग में हर साल एक लाख 30 हजार रुपये मिलते हैं. संस्थान के पास करीब पांच वर्षो से इस मद में खर्च की गयी राशि का कोई जानकारी नहीं है.
पांच साल में ये राशि साढ़े सात लाख रुपये हुई. एल्यूमनी संस्था के लाखों रुपये, स्मॉल इंडस्ट्रीज रिसर्च ट्रेनिंग, के लिए संस्थान को सरकार की ओर से 30 साल पहले मिले करोड़ों रुपये, बाल निकेतन के भी लाखों रुपये के आमद-खर्च का कोई लेखा जोखा नहीं मिला. इसके अलावा कई विभागों व संस्था के कैश बुक भी अद्यतन नहीं हैं. तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार योजना के लिए संस्थान को तीन वर्ष पूर्व दो करोड़ की राशि मिली थी. इसके खर्च में भी नियमों का पालन नहीं किया गया है.
निदेशक व डीएम को साल भर पहले दी थी सूचना
एमआइटी के विभिन्न विभागों की कैश बुक के अद्यतन नहीं होने का मामला पहले भी सामने आया था, तब इसकी सूचना विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के निदेशक व डीएम को दी गयी थी. प्राचार्य अंजनी कुमार नथानी ने लिखित भेजा था.
इसमें प्राचार्य ने लिखा था कि विभिन्न विभागों के कर्मचारी नियमों के मुताबिक राशि खर्च नहीं कर रहे हैं. साथ ही कैश बुक भी अद्यतन नहीं रखी जा रही है.
कैश बुक अद्यतन नहीं होना एक गंभीर मामला है. मामले की छानबीन की जा रही है. मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी.
अंजनी कुमार नथानी प्राचार्य ,एमआइटी

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