मुजफ्फरपुर. सीतामढ़ी कलेक्ट्रेट गोली कांड में दोषी करार दिये गये नवल किशोर राय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व केंद्रीय जेल अधीक्षक को बंदी आवेदक पत्र देकर 10 जून तक अभियोजन की स्वीकृति देने की बात कहीं है. अगर अभियोजन की स्वीकृति नहीं दी जाती है तो 12 जून से जेल में सत्याग्रह करेंगे. नवल किशोर राय ने लिखा है कि 11 अगस्त 1998 में सीतामढ़ी कलेक्ट्रेट पुलिस गोली कांड में स्वतंत्रता सेनानी स्व राम चरित्र राय, स्व डॉ अयुब, स्व महंथ मंडल व स्व रामपति देवी की पुलिस की गोली से मौत हो गयी. उनके परिजनों द्बारा सीतामढ़ी न्यायालय में परिवाद दाखिल किया. जिसमें तत्कालीन जिलाधिकारी राम नंदन, एसपी डॉ परेश सक्सेना, तत्कालीन डीएसपी मदन मोहन लाल, तत्कालीन एसडीओ शंकर पासवान तत्कालीन इंस्पेक्टर रंजीत बैठा व अन्य अभियुक्त पर धारा 302 का मुकदमा चलाने की स्वीकृति सरकार से आवश्यकता था. लेकिन तत्काल सरकार ने नहीं दिया. जीतन राम मांझी की सरकार आने के बाद परिवाद में अभियुक्त डॉ परेश सक्सेना को गृह विभाग में विशेष सचिव बनाकर उस संचिका का प्रभार बना दिया. उन्होंने 1998 में गृह सचिव व डीजीपी के संयुक्त जांच रिपोर्ट को विभाग से संचिका सहित गायब कर दिया और अभियोजन की स्वीकृति के आवेदन को अस्वीकृति कर मामला उच्च न्यायालय को अवगत करा दिया. राज्य सरकार का पीपी सीतामढ़ी जो हत्यारे का अधिकारी का पीपी बनने से पहले अधिवक्ता थे. उनके माध्यम से तीन रिपोर्ट उपरोक्त परिवाद में परिवाद के खिलाफ जमा करा दिया. जिसके फल स्वरुप उच्च न्यायालय में परिवाद से 1013/98,1031/98,702/98 व 760/98 में तीन परिवाद खारिज कर दिया. वहीं 1031/98 वापस लिया गया और अभियोजन की स्वीकृति के लिये री दाखिल किया है.
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केंद्रीय कारा में 12 जून से सत्याग्रह करेंगे सजायाप्ता बंदी
मुजफ्फरपुर. सीतामढ़ी कलेक्ट्रेट गोली कांड में दोषी करार दिये गये नवल किशोर राय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व केंद्रीय जेल अधीक्षक को बंदी आवेदक पत्र देकर 10 जून तक अभियोजन की स्वीकृति देने की बात कहीं है. अगर अभियोजन की स्वीकृति नहीं दी जाती है तो 12 जून से जेल में सत्याग्रह करेंगे. नवल किशोर […]
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