मुजफ्फरपुर: मस्तिष्क या मन पर नियंत्रण आदमी को बुद्धिजीवी बनाता है. यह अलग-अलग अवस्थाओं में शरीर के अलग-अलग हिस्से में होता है. जागृतावस्था में यह आंखों के सामने होता है, तो स्वप्नावस्था में हिता नाक की नाड़ी में. इसका नियंत्रण सद्गुरु की कृपा से ही हो सकता है.
यह बातें महर्षि सद्गुरु सदाफल देव विहंगम योग संस्थान इलाहाबाद से आये रंजीत कुमार गुप्ता ने कही. वे शनिवार को एमडीडीएम कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग में आयोजित वर्कशॉप में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. विषय था- मन को कैसे नियंत्रित करें? मौके पर उन्होंने छात्राओं को मन को नियंत्रित करने के सैद्धांतिक व व्यवहारिक पक्ष को समझाया.
अध्यक्षता प्राचार्य डॉ निर्मला सिंह, मंच संचालन डॉ निशिकांति व धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुनील कुमार पांडेय ने किया. वर्कशॉप में विभागाध्यक्ष डॉ इंदुबाला सहाय, डॉ आइबी पांडे, डॉ रामाकांत सिंह, डॉ शांति प्रसाद, डॉ शकीला अजीम व डॉ अलका जायसवाल ने भी विचार रखे.