उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर : बैरिया स्थित बस पड़ाव पर बैकुण्ठ शुक्ल स्मृति समारोह समिति की ओर से 81वीं बलिदान दिवस पर गुरुवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ललितेश्वर प्रसाद शाही ने कहा कि शुक्ल जी सचमुच वीर थे. देश के आजादी में उनकी भूमिका को देश वासी भूला नहीं सकते है. भगत सिंह के विरुद्ध मुखबिरी करने वाले फर्णीद्र नाथ को मारने के लिए उनको जिम्मेदारी दी गयी थी. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अधिवक्ता नवल बाबू ने कहा कि श्री शुक्ला देश के बहादुर सिपाही थे. वक्ताओं ने गया केंद्रीय कारा का नाम वैकुण्ठ शुक्ल के नाम करने की सरकार से मांग की. पूर्व केंद्रीय मंत्री कैप्टन जयनरायण निषाद ने कहा कि श्री शुक्ल जैसे बलिदानी से प्राप्त आजादी अभी अधूरी है. हमलोगों की जिम्मेदारी है कि उनके सपने को सकार किया जाये. कार्यक्रम का शुभारंभ नागेंद्र नाथ ओझा के वंदेमातरम से हुआ. श्रद्धांजलि देने वालों में योगेंद्र सिंह गंभीर, सुधीर ओझा, पंडित चंद्र किशोर पराशर, मनोज कुमार सिंह, डॉ श्यामजी मिश्र, राकेश कुमार मिश्र, लाल बाबू गोप, विवेक कुमार आदि उपस्थित थे. नगारिक मोरचा की ओर से भी बैकुण्ठ शुक्लल का बलिदान दिवस आयोजित किया गया. समिति अध्यक्ष मोहन प्रसाद सिन्हा के अध्यक्षता में आयापेजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने उनके व्यकितत्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला. मौके पर अधिवक्ता व समाज सेवी सीपी शाही को शाल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया.
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वैकुण्ठ शुक्ल के नाम पर हो गया केंद्रीय कारा
उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर : बैरिया स्थित बस पड़ाव पर बैकुण्ठ शुक्ल स्मृति समारोह समिति की ओर से 81वीं बलिदान दिवस पर गुरुवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ललितेश्वर प्रसाद शाही ने कहा कि शुक्ल जी सचमुच वीर थे. देश के आजादी में उनकी भूमिका को देश […]
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