फोटो भी हैसंवाददाता, मुजफ्फरपुरवार्ड सदस्य से मुखिया तक और पंसस से प्रमुख तक आपस में लड़ने के बजाये मिल जुलकर काम करे तो गांधी के सपनों का गांव बनेगा. तब जाकर पंचायती राज जन प्रतिनिधियों को उनका पूर्ण अधिकार मिल सकेगा. उक्त बातें विधान परिषद के सदस्य दिनेश प्रसाद सिंह ने कही. वे शनिवार को स्टेशन रोड स्थित अपने होटल के सभागार में आयोजित पंचायती राज प्रतिनिधियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि वह शुरू से ही त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के गठन के समय से ही जन प्रतिनिधियों के अधिकार व मान सम्मान के लिए लड़ते रहे है. पहली लड़ाई के बाद सरकार ने जन प्रतिनिधियों को मान सम्मान, मानदेय व भत्ता दिया. लेकिन उस वक्त वार्ड सदस्य, पंसस व जिप सदस्य इससे वंचित रह गये थे. फिर आवाज उठाई तो सरकार मानदेय को तैयार हो गई. इसके बाद मानदेय भत्ता में दो बार वृद्धि की गई. वार्ड सदस्यों को आंगनबाड़ी केंद्र की देखरेख, सेविका सहायिका की बहाली, स्कूलों में अध्यक्ष बनाने, गांव चापाकल गरवाने, मनरेगा काम का स्थान तय करने का अधिकार मिला है. ऐसे में सभी मिल जुलकर काम करे. अगर कोई उनकी उपेक्षा करे तो उसकी शिकायत उसी समय फोन पर करे. सम्मेलन की अध्यक्षता जिप अध्यक्ष चंदा देवी, संचालन मुखिया केदार गुप्ता ने किया. सम्मेलन में इरशाद अंसारी, गणेश चौधरी, रंजन कुमार, आशा श्रीवास्तव, अशोक कुमार, शीला देवी, सुरेश साह, राजहंस राय, नरेश यादव सहित सैकड़ों की संख्या में जन प्रतिनिधि मौजूद थे.
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फोटो :: साथ मिलकर काम करे तो गांधी के सपनों का गांव बनेगा
फोटो भी हैसंवाददाता, मुजफ्फरपुरवार्ड सदस्य से मुखिया तक और पंसस से प्रमुख तक आपस में लड़ने के बजाये मिल जुलकर काम करे तो गांधी के सपनों का गांव बनेगा. तब जाकर पंचायती राज जन प्रतिनिधियों को उनका पूर्ण अधिकार मिल सकेगा. उक्त बातें विधान परिषद के सदस्य दिनेश प्रसाद सिंह ने कही. वे शनिवार को […]
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