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गांवों को मिले विधायी अधिकार

मुजफ्फरपुर: अधिकारों का विक्रेंद्रीकरण होगा तभी गांव की जनता सुविधाओं का लाभ उठा पायेगी. गांवों को विधायी अधिकार मिलना चाहिए. गांव की जरूरतों का निर्णय ग्राम सभा ही तय करे. सरकारें नहीं चाहती कि ग्राम सभा को अधिकार मिले. इसलिए पंचायत स्तर पर अधिकार दिये गये है. इससे ग्राम स्वराज का मॉडल विकास नहीं कर […]

मुजफ्फरपुर: अधिकारों का विक्रेंद्रीकरण होगा तभी गांव की जनता सुविधाओं का लाभ उठा पायेगी. गांवों को विधायी अधिकार मिलना चाहिए. गांव की जरूरतों का निर्णय ग्राम सभा ही तय करे. सरकारें नहीं चाहती कि ग्राम सभा को अधिकार मिले. इसलिए पंचायत स्तर पर अधिकार दिये गये है. इससे ग्राम स्वराज का मॉडल विकास नहीं कर सकता. यह बातें लोकनायक जेपी के सहयोगी रहे अविनाश चंद्र ने बुधवार को सर्वोदय ग्राम में आयोजित प्रेस वार्ता में कही.

उन्होंने कहा कि वर्ष 1970 के दशक में वे जेपी के साथ मुशहरी में थे. उन्होंने यहां के गांवों को देखा था. वे 43 वर्षो बाद फिर उस गांव को देखने आये हैं. उनकी इच्छा है कि यहां भी ग्राम सभा का गठन हो. दस पंद्रह लोग भी एकजुट होकर ग्राम सभा बनाये तो एक गांव में कई ग्राम सभा बनेगी. उसके बाद ग्राम सभाएं संयुक्त बैठक करें. इसमें गांव की प्राथमिकता तय होगी.उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य से मुसहरी के कई गांवों का भ्रमण किया है. लोग ग्राम सभा बनाने के लिये एकजुट हो रहे हैं.

श्री अविनाश ने कहा कि जेपी का सपना अभी टूटा नहीं है. गांवों में यह ऊर्जा बाकी है. लोग चाहते हैं कि वे उनके सपनों के अनुसार कार्य करे. उनकी पहल से लोगों में बची हुई ऊर्जा साकार हो रही है.

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