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नामांकन चार साल, संबद्धता सिर्फ एक साल

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में प्रस्तावित 23 कॉलेजों में नामांकित करीब पचास हजार छात्र-छात्राओं का मामला फंस सकता है. दरअसल इन सभी का कालेजों में नामांकन बिना संबद्धता की मंजूरी के ही ले लिया गया था. यही नहीं छात्र हित का हवाला देते हुए विवि ने इन सभी की अलग-अलग पार्ट की परीक्षा भी ले […]

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में प्रस्तावित 23 कॉलेजों में नामांकित करीब पचास हजार छात्र-छात्राओं का मामला फंस सकता है. दरअसल इन सभी का कालेजों में नामांकन बिना संबद्धता की मंजूरी के ही ले लिया गया था. यही नहीं छात्र हित का हवाला देते हुए विवि ने इन सभी की अलग-अलग पार्ट की परीक्षा भी ले ली. ऐसा लगातार चार सत्र तक चलता रहा. लेकिन जब बीते ग्यारह फरवरी को सीनेट की बैठक हुई तो संबद्धता सिर्फ एक साल के लिए देने का फैसला हुआ. सीनेट की बैठक की प्रोसिडिंग को अंतिम रू प देने के दौरान जब इसका खुलासा हुआ तो विवि में हड़कंप मच गया है. अब अधिकारी इससे बच निकलने का विकल्प तलाशने में जुटे हैं.
गत 11 फरवरी को सीनेट की बैठक में 23 कॉलेजों को सत्र 2011-12 के लिए संबद्धता देने का प्रस्ताव पेश किया गया. लंबी चर्चा के बाद सदस्यों ने इन कॉलेजों को एक सत्र के लिए संबद्धता देने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने का फैसला लिया. हालांकि कॉलेजों ने सत्र 2012-13, 2013-14 व 2014-15 में भी छात्रों का नामांकन ले चुके हैं. यही नहीं 2013 व 2014 में इनमें से हजारों छात्र पार्ट वन व पार्ट टू की परीक्षा भी दे चुके हैं. वहीं हजारों छात्र इस वर्ष पार्ट वन की परीक्षा में शामिल होंगे. ऐसे में यदि संबद्धता पर जल्द फैसला नहीं होता है तो इनकी डिग्री फंस जायेगी.
पिछले साल फंसा था पेच. बीते साल भी इन तेइस कॉलेजों की संबद्धता को लेकर विवाद हुआ था. तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक डॉ अजय कुमार सिंह ने संबद्धता नहीं मिले होने के कारण यहां नामांकित छात्र-छात्राओं का पंजीयन व परीक्षा लेने से इनकार कर दिया था. इसको लेकर काफी विवाद हुआ. बाद में परीक्षा बोर्ड ने हाइकोर्ट के पूर्व में दिये गये आदेश के आलोक में परीक्षा लेने का फैसला लिया है. हालांकि इसके कारण करीब सात माह देर से परीक्षा हुई.
2015-16 से नामांकन पर लगेगी रोक
जिस परीक्षा बोर्ड की बैठक में बीते साल 23 कॉलेजों में नामांकित छात्रों के पंजीयन व परीक्षा लेने का फैसला लिया गया, उसमें भविष्य में संबद्धता मिलने तक नये नामांकन पर रोक लगाने का भी फैसला हुआ. यह रोक 2015-16 से लगनी है. कुलपति डॉ पंडित पलांडे इसकी मंजूरी भी दे चुके हैं. नये सत्र में नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने से पूर्व सभी कॉलेजों को पत्र के माध्यम से इसकी सूचना भेजी जानी है.
सीनेट ने 23 कॉलेजों को एक साल के लिए संबद्धता देने का फैसला लिया था, लेकिन कॉलेजों में नामांकन अगले तीन सत्र में भी हो चुका है. दो सत्र की परीक्षा भी हो चुकी है. ऐसे में इस पर नये सिरे से विचार की जरुरत है. मामले को कुलपति के समक्ष रखा जायेगा. वहीं इस पर कोई फैसला लेंगे. इन कॉलेजों को सत्र 2015-16 में नामांकन पर रोक के लिए जल्द ही पत्र भेज दिया जायेगा.
डॉ विवेकानंद शुक्ला, कुलसचिव

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