उसके नेपाल में होने की शंका पर सीबीआइ के माध्यम से इंटरपोल से संपर्क साधा गया है. यहीं नहीं, प्रदेश के भी सभी जिलों के एसपी को पत्र भेज कर उसके बारे में सूचना देने वाले को पुरस्कृत करने की बात कही गयी है. 2006 के अगस्त माह में ऋषभ राज की हत्या उसके घर बोचहां के मैदापुर गांव में कर दी गयी थी, जिसमें चंदन चौधरी व उसके परिजनों को कोर्ट ने दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. फांसी की सजा सुनाये जाने के बाद चंदन को पुलिस दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में पेशी को ले गयी थी.
पुलिस की लापरवाही से वह 17 दिसंबर 2012 को दिल्ली से लौटने के क्रम में बक्सर रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन से कूद कर फरार हो गया था. इस मामले में बक्सर रेल थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. घटना के बाद पुलिस उसकी गिरफ्तारी को कई जगहों पर छापेमारी की, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल पाया. तत्कालीन एसपी राजेश कुमार ने एसआइ सहित पांच पुलिस कर्मी को निलंबित कर दिया था. रेल थाना में दर्ज मामले में पुलिस चंदन को फरार दिखाते हुए उसके खिलाफ आरोप पत्र भी कोर्ट में समíपत कर चुकी है. इधर, उसे फरार घोषित करते हुए जिला पुलिस ने जगह-जगह उसका इश्तेहार भी चिपकाया है. साथ ही सूचना देने वाले की जानकारी भी गोपनीय रखने की बात कही है. यहां बता दें कि ऋषभ राज हत्याकांड में कोर्ट ने बाद में चंदन के साथ शामिल अन्यअभियुक्तों को जेल में अंतिम सांस तक रहने की सजा सुनाई थी. जिला प्रशासन ने ऋषभ के परिजनों की सुरक्षा को देखते हुए अंगरक्षक भी मुहैया कराया था.