मुजफ्फरपुर:बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक का सत्र एक साल देर से चल रहा है. समय पर पढ़ाई कराने, परीक्षा लेने व परीक्षा फल प्रकाशित कराने में अधिकारियों को थोड़ी भी रुचि नहीं है. सत्र में देरी से छात्रों का बहुमूल्य समय बरबाद हो रहा है, लेकिन विवि प्रशासन को सत्र में देरी होने से कोई फर्क नहीं है. इससे छात्रों का भविष्य चौपट रहा है.
स्नातक से जुड़े तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्र शामिल नहीं हो रहे हैं. विवि प्रशासन के कारण छात्रों की परीक्षा व रिजल्ट सही वक्त पर नहीं निकल रहा है. स्नातक के सत्र में देरी से जुड़े सवालों पर छात्रों ने अपनी बातें प्रभात खबर के साथ बेबाकी से रखी. छात्रों ने एक स्वर में कहा, सत्र में देरी के लिए वीसी जिम्मेवार हैं. उनकी मंशा छात्र हित में नहीं है. छात्रों ने कहा, सत्र नियमित नहीं करने के लिए जिम्मेवारी वीसी के खिलाफ उग्र आंदोलन होगा. बारी-बारी से छात्रों की समस्याओं को मुद्दा बनाया जायेगा.
छात्रों की समस्याओं से वीसी को कोई मतलब नहीं है. विवि कैंपस में शैक्षणिक माहौल नहीं है. सत्र नियमित नहीं करने के कारण छात्रों का गुस्सा चरम पर है. अगर वीसी सत्र नियमित नहीं कर सकते हैं तो इस्तीफा देकर चलें जायें. मुंबई में रहकर छात्रों की परेशानी नहीं समझ सकते हैं.
गुल्लू सिंह, एमएससी फिजिक्स
वीसी बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं. उन्होंने छात्र हित में उचित कदम उठाने की जरू रत है. अपने लाभ के साथ छात्रों की बातों पर ध्यान देने की जरू रत है. छात्रों के सवाल पर वीवी को सक्रिय होना होगा. अन्यथा छात्र आंदोलन को सक्रिय हो जायेंगे. आंदोलन से स्थिति बिगड़ सकती है. दिनेश कुमार, बी कॉम
विवि में छात्र हित भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है. वीसी समेत सभी अधिकारियों की मंशा साफ नहीं होने के कारण स्नातक का शैक्षणिक सत्र लेट हो गया है. इसके लिए छात्र भी दोषी हैं. वे एकजुट होते तो अराजक माहौल बनाने के लिए अधिकारियों को इतनी हिम्मत नहीं होती. इस विवि में छात्रों का भविष्य चौपट हो रहा है.
चंदन यादव, पीजी कॉमर्स
कुल मिलाकर विवि व इसके कॉलेजों में शैक्षणिक माहौल चौपट है. पठन-पाठन की व्यवस्था की मॉनीटरिंग करने वाला कोई नहीं है. छात्र संगठन के आंदोलन में छात्र व छात्राओं को भाग लेना होगा. तभी अधिकारियों की आंख से पट्टी हटेगी.
मिथिलेश कुमार, स्नातक पार्ट 1 मनोविज्ञान
स्नातक का सेशन एक साल गैप हो गया. किसी भी काम के लिए उसका कैप्टन जिम्मेवार होता है. वीसी की मंशा स्पष्ट नहीं होने से छात्रों का कैरियर चौपट हो रहा है. छात्रों को एकजुट होकर उग्र आंदोलन करना होगा. तभी शैक्षणिक माहौल बन पायेगा.
आमिर खान, स्नातक पार्ट 2 इतिहास
शैक्षणिक माहौल बिगाड़ने के लिए वीसी दोषी हैं. उनके खिलाफ एकजुट होने की जरू रत है. सत्र में तो देरी कर ही दिया है. शिक्षक नियमित तौर पर पढ़ाते नहीं है. सभी विवि समेत कॉलेजों की स्थिति खराब है.
रणधीर यादव, स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान
जब तक कॉलेज के अधिकारियों के बेटे व बेटियां इस विश्वविद्यालय में पठन-पाठन नहीं करेंगे, उन्होंने अपने संतान की परेशानी महसूस नहीं होगी, तब तक विवि में शैक्षणिक माहौल नहीं बन सकता है. कोई भी अधिकारी छात्रों की बातों पर ध्यान नहीं देते हैं. केवल आर्थिक हित की बात करते हैं.
प्रवीण कुमार सिंह, रिसर्च स्कॉलर, विवि
विवि को बच्चों को कॉलेज में आने के लिए बाध्य करना होगा. छात्रों का रिजल्ट भी परीक्षा के तत्काल बाद प्रकाशित करना होगा. दोष मुक्त परीक्षा पद्धति को बदलना होगा. अंक पत्र व प्रोविजनल सर्टिफिकेट सब साथ देना होगा. अमर पटेल, राजनीति विज्ञान, स्नातकोत्तर, विवि
वीसी को सेशन नियमित करने के लिए एकेडमिक कैलेंडर लागू करना होगा. परीक्षा प्रणाली को मैनुअल के बदले कंप्यूटरीकृत करना होगा. सड़क से आदमी को उठाकर मार्क्सशीट तैयार करते हैं.
शशि शेखर चौहान, अर्थशास्त्र, स्नातकोत्तर, विवि
विवि में सत्र के नियमित संचालन पर किसी पदाधिकारियों का ध्यान नहीं है. वित्तीय अराजकता के कारण परीक्षा समय पर नहीं हो रही है. इसके लिए छात्रों को चरणबद्ध तरीके से अपनी बातें रखनी होगी. इनके सब बातों के लिए कुलपति जवाबदेह हैं. अब आंदोलन ही एक रास्ता है.
रौशन कुमार, इतिहास, स्नातकोत्तर, विवि