मुजफ्फरपुर: राज्य में बाघों की संख्या जानने के लिये सरकार देश भर में उनका आधार कार्ड बनवायेगी. इसके लिये कवायद भी शुरू कर दी गयी है. बाघों को अब विशेष पहचान संख्या वाले आधार कार्ड दिये जायेंगे. इससे उनकी पहचान करने, उनके बारे में सूचनाएं जुटाने व गणना में आसानी होगी. विशेष पहचान संख्या देने से पहले बाघों का पूरा डाटा बेस तैयार किया जायेगा. इसमें बाघों की पहचान संबंधी सभी जानकारियां मौजूद होंगी.
गिनती में होती है गड़बड़ी
पूरे देश में अभी तक सभी राज्य अपने स्तर पर बाघों को एक नंबर व नाम देकर रखा है. इसके कारण उनकी गिनती में गड़बड़ी हो जाती है. इसे देखते हुए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने एक केंद्रीयकृत डाटाबेस तैयार करने का फैसला लिया है. इसके हर बाघ को स्थायी तौर पर यूनिक टाइगर आइडेंटिफिकेशन (यूटीआइडी) नंबर दे दिया जायेगा. यह नंबर एक कार्ड में अंकित रहेगा. इस कार्ड को आधार कार्ड का नाम दिया गया है. इसके आधार पर बाघों का सव्रे भी किया जायेगा.
इसलिए पड़ी जरूरत
सभी राज्यों के वन विभाग के अधिकारियों को बाघों का सव्रे कर उनकी सही जानकारी देने को कहा गया है. बाघों की पहचान कैसे करनी है, इसके लिये वन कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जायेगा. इससे पहचान में कोई गलतफहमी नहीं होगी. यह इसलिए किया जा रहा है कि बाघों के दूसरे राज्य की सीमा में जाने या शिकार की स्थिति में पहचान आसान से हो सके.