मुजफ्फरपुर: कालाजार उन्मूलन की दिशा में स्वास्थ्य विभाग का लगातार प्रयास अब रंग लाने लगा है. पिछले तीन वर्षो से कालाजार की रोकथाम के लिए किये गये कार्यो से जिले की स्थिति सुधरी है. मरीजों की संख्या में ऐसे ही कमी आती रही तो अगले वर्ष यह जिला कालाजार मुक्त होगा. यह वर्ष 2010 से भारत सरकार की ओर से चलाये जा रहे सघन कार्यक्रम का बेहतर परिणाम है. प्रत्येक वर्ष मरीजों व बीमारी से होने वाली मौतों की संख्या में कमी आ रही है. उम्मीद की जा रही है कि अगले वर्ष जिले को यह उपलब्धि मिल जायेगी. स्वास्थ्य पदाधिकारी इसके लिए बेहतर प्रबंधन व कर्मचारियों की कर्तव्य निष्ठा मान रहे हैं.
..तो मिलेगी उपलब्धि
जिले में जनवरी से जुलाई तक 736 मरीजों की पहचान हुई है. जबकि वर्ष 2012 में जुलाई तक 1202 मरीज इस बीमारी की चपेट में थे. स्वास्थ्य विभाग के मानक को देखे तो दस हजार की आबादी पर यदि एक व्यक्ति कालाजार से पीड़ित होता है तो उस जिला को कालाजार मुक्त माना जाता है. इस लिहाज से जिले की 48 लाख आबादी में 480 मरीज मिलते हैं तो जिले को कालाजार प्रभावित नहीं कहा जायेगा. स्वास्थ्य पदाधिकारियों का कहना है कि जिस रफ्तार से कालाजार मरीजों में कमी आयी है, उससे उम्मीद की जा रही है कि अगले वर्ष कालाजार मरीजों की संख्या 480 से कम होगी.
वर्ष 2010 में 22 की गई थी जान
वर्ष 2010 में जिला कालाजार की चपेट में था. इस वर्ष इस बीमारी से 22 लोगों की मृत्यु हुई थी. जबकि 2573 लोग इस बीमारी का शिकार हुए थे. बीमारी की भयावहता को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय की ओर से चलाये जा रहे उन्मूलन कार्यक्रमों में तेजी आयी थी. तीन वर्षो तक चलाये जा रहे कार्यक्रमों में गतिरोध नहीं होने से हर वर्ष कालाजार के मरीजों की संख्या में कमी आती गयी. कालाजार के वाहक बालू मक्खी का प्रजनन भी कम होता गया.