मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में 28 मार्च को प्रस्तावित दीक्षांत समारोह पर संशय कायम हो गया है. नियमों के तहत समारोह से 21 दिन पूर्व सभी टॉपरों व उपाधि पाने वाले शोधार्थियों का पंजीयन हो जाना अनिवार्य है. इसके लिए विवि की ओर से विज्ञापन जारी करने का भी प्रावधान है.
समारोह में अब महज बारह दिन बचे हैं. ऐसे में इसका टलना तय है. खुद अधिकारी भी इसे स्वीकार कर रहे हैं. कुलानुशासक डॉ अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा, नियमों के तहत अब 28 मार्च को दीक्षांत समारोह होना मुश्किल दिख रहा है. हालांकि इस पर अंतिम फैसला कुलपति ही लेंगे.
गौरतलब है कि विवि प्रशासन ने इस बार दीक्षांत समारोह मिठनपुरा स्थित आम्रपाली ऑडिटोरियम में कराने का फैसला लिया है. इसमें गोवा की राज्यपाल डॉ मृदुला सिन्हा को डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी जानी है. विवि प्रशासन इसकी तैयारियों में जुटा है. इसके तहत परीक्षा विभाग ने समारोह में उपाधि हासिल करने वाले 172 शोधार्थियों की सूची भी तैयार कर ली है. लेकिन कुलपति के अचानक बीमार हो जाने के कारण तैयारियों पर ब्रेक लग गया.
स्नातक व पीजी के छात्रों को मिलेगी राहत
यदि दीक्षांत समारोह की तिथि टलती है तो इससे स्नातक व पीजी के टॉपरों को राहत मिल सकती है. दरअसल दीक्षांत समारोह में स्नातक के 26 व पीजी के 23 टॉपरों को गोल्ड मेडल दिया जाना है. लेकिन फिलहाल स्नातक पार्ट थर्ड परीक्षा की कॉपियों की जांच भी शुरू नहीं हुई है. वहीं पीजी फोर्थ सेमेस्टर के रिजल्ट को लेकर विवाद कायम है. ऐसे में यदि पूर्व निर्धारित तिथि को ही दीक्षांत समारोह होता है, तो इन सभी को गोल्ड मेडल से वंचित होना पड़ेगा.