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स्टेशन से डिक्की खोल उड़ाया दो लाख
मुजफ्फरपुर: स्टेशन से गायघाट बरूआरी निवासी संतोष कुमार सिंह के बाइक के डिक्की से अपराधियों ने दो लाख रुपये मंगलवार शाम उड़ा दिया. संतोष अपने हीरो पैशन बाइक को युटीएस काउंटर के समीप एक मोची की दुकान के बगल में लगा कर अपनी साली को पूर्वाचल एक्सप्रेस में चढ़ाने गये थे. इस बाबत संतोष ने […]
मुजफ्फरपुर: स्टेशन से गायघाट बरूआरी निवासी संतोष कुमार सिंह के बाइक के डिक्की से अपराधियों ने दो लाख रुपये मंगलवार शाम उड़ा दिया. संतोष अपने हीरो पैशन बाइक को युटीएस काउंटर के समीप एक मोची की दुकान के बगल में लगा कर अपनी साली को पूर्वाचल एक्सप्रेस में चढ़ाने गये थे. इस बाबत संतोष ने रेल थाना में उक्त मोची को आरोपित बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी है. वहीं, पुलिस मोची को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
जानकारी हो कि, गायघाट निवासी संतोष के बड़ी साली को झारखंड गिरिडीह जाना था. उसे स्टेशन छोड़ने के लिए संतोष की सास निर्मला देवी, ममेरा भाई रुपशे सिंह व उसकी पत्नी रिंकी एक साथ स्टेशन आये थे. संतोष दिन में ही मुजफ्फरपुर आ गये थे. वह किसी कार्य के लिए एसबीआइ रेडक्रोस शाखा से दो लाख रुपये भी निकाले. उसे बाइक के डिक्की में अन्य कागजात के साथ रख लिया.
शाम तक सभी कार्य को निबटा कर वह स्टेशन पहुंचा व अपनी बाइक स्टैंड की बजाय यूटीएस काउंटर के पास एक मोची की दुकान के बगल में लगा कर अपने रिश्तेदार से मिलने चला गया. जब पत्नी की बहन को पूर्वाचल एक्सप्रेस पर चढ़ा कर लौटा व बाइक का डिक्की चेक किया तो उसमें रखा पैसा नहीं था. मोची व अगल-बगल के दुकानदारों से इस बाबत पूछताछ की. लेकिन किसी ने उसे कुछ नहीं बताया. इसके बाद वह रेल थाने में मोची को आरोपित बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी. इधर, पुलिस मामले में आरोपित मोची को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
पत्नी को लगाया था बाइक की रखवाली में. स्टेशन पर बाइक लगाने के बाद संतोष मुसाफिर खाना में गया. जहां पहले से उसकी पत्नी, बड़ी साली व सास मौजूद थी. वहां से वह अपनी पत्नी रिंकी को बाइक की रखवाली करने के लिए भेज दिया. रिंकी वहां गयी भी लेकिन जैसे ट्रेन प्लेट फार्म पर पहुंची. वह अपनी बड़ी बहन को छोड़ने पहुंच गयी. वापस पति के साथ लौटी तो बाइक के डिक्की से पैसा गायाब था.
स्टेशन सुरक्षा की खुली पोल
स्टेशन जैसे भीड़ भाड़ जगह से शाम में बाइक के डिक्की से पैसा निकाल लेना. यह रेल पुलिस के कार्यशैली पर बड़ा प्रश्न खड़ा करता है. साथ ही जीआरपी की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल रही है. बता दें कि, प्रतिदिन स्टेशन पर दर्जनों लोग पॉकेटमार व नशा खुरानी के शिकार होते है. लेकिन, जीआरपी इसके बावजूद सजग नहीं हो रहा है. स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा व्सवस्था की जिम्मेवारी रेल पुलिस की ही है. लेकिन, हाल के घटनाओं से यह मालूम होता है कि जीआरपी अपनी जिम्मेवारी से पीछे हट रही है. फरवरी के अंतिम सप्ताह में एक महिला से पूछताछ काउंटर के समीप पॉकेटमारी की गयी थी. लेकिन, जीआरपी उस मामले में अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पायी है.
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