श्री गांधी पुस्तकालय में केशव प्रसाद व्याख्यानमाला का आयोजनवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर : भारत का विकास तभी संभव है जब क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करते हुए सरकार के स्तर पर क्षेत्रीय संतुलन को स्थापित कर कृषि व उद्योगों का विकास समान रू प से किया जाये. जब भारत में इस्ट इंडिया कंपनी के रू प में अंग्रेजों ने प्रवेश किया तब भारत के आर्थिक संपन्नता के कारण ही भारत को सोने की चिडि़या कहा जाता था. उस काल में विश्व में पहली बार इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति हुई थी. अंग्रेज भारत में अपने उद्योगों के लिए ही कच्चा माल लेने के लिए भारतीय भूभाग में घुसे थे. उक्त बातें अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ राकेश कुमार सिंह ने कही. वे रविवार को गोला रोड स्थित श्री गांधी पुस्तकालय में केशव प्रसाद व्याख्यानमाला कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक संपन्नता के लिए 10वीं व 11वीं पंचवर्षीय योजना में समाज के सर्वांगीण विकास पर बल दिया जा रहा है. कार्यक्रम के संयोजक डॉ विजय कुमार जायसवाल थे. संचालन रंगकर्मी सुधीर कुमार ने किया. अध्यक्षता साहित्य विष्णुकांत झा ने की. मौके पर इ.नरेंद्र कुमार, सूर्यनारायण ठाकुर, मुकेश पासवान, मुकेश कुमार, शिवजी प्रसाद, चिराग पोद्दार, सुनील कुमार सहित कई लोग मौजूद थे.
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क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने से विकास
श्री गांधी पुस्तकालय में केशव प्रसाद व्याख्यानमाला का आयोजनवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर : भारत का विकास तभी संभव है जब क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करते हुए सरकार के स्तर पर क्षेत्रीय संतुलन को स्थापित कर कृषि व उद्योगों का विकास समान रू प से किया जाये. जब भारत में इस्ट इंडिया कंपनी के रू प में […]
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