एंटीबायोटिक के दुरुपयोग व नियंत्रण पर कार्यशाला… फोटो — वायरल इंफेक्शन के दौरान नहीं करें एंटीबायोटिक का प्रयोगगायघाट. नेशनल टास्क फोर्स आन एंटीबायोटिक प्रोग्राम, सीआइएपी की ओर से पीएचसी में एंटीबायोटिक के दुरुपयोग व नियंत्रण के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. नेशनल फैकल्टी एंड रिसोर्स पर्सन डॉ अरुण शाह ने ग्रामीण चिकित्सक, केमिस्ट, दवा विक्रेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि एंटीबायोटिक दवा का आज धड़ल्ले से प्रयोग करने से हजारों मरीजों की मौत ड्रग रेजिस्टेंस इंफेक्शन की वजह से हो रही है. सर्दी, खांसी, डायरिया, मौसमी बुखार जैसी बीमारी का मुख्य कारण वायरल इंफेक्शन होता है. इसमें एंटीबायोटिक के इस्तेमाल की जरूरत नहीं होती है. ये बीमारियां समुचित आराम, अधिक मात्रा में तरल पदार्थ व घरेलू नुस्खे से ठीक हो सकती हैं. लेकिन इस तरह की बीमारियों में भी लोग एंटीबायोटिक का तेजी से इस्तेमाल करने लगते हैं. एंटीबायोटिक को जीवन का हिस्सा बनाना आने वाले समय में एक भयानक खतरा होगा, जब एंटीबायोटिक संक्र ामक रोग में काम करना बंद कर देगा. डॉक्टर शाह ने कहा कि एंटीबायोटिक का अनावश्यक प्रयोग बिना जानकारी की नहीं करें. दवा विक्र ेता भी बिना डॉक्टर के पुरजा के एंटीबायोटिक दवा नहीं बेचे. नहीं तो आने वाले समय में एंटीबायोटिक के आस्तित्व पर तो खतरा आयेगा ही, हम भी ड्रग रेजिस्टेंस इंफेक्शन की वजह से मौत के शिकार होते रहेंगे. मौके पर संस्था के जिला कॉर्डिनेटर डॉ बलराम यादव, चिकित्सा प्रभारी डॉ सुधीर कुमार, डॉ स्नेह लता वर्मा, डॉ पीएसपी गुप्ता, डॉ गुलाम रब्बानी आदि मौजूद थे. मेल पर फोटो कार्यशाला को संबोधित करते डॉ अरूण शाह
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ड्रग रेजिस्टेंस इंफेक्शन से हो हजारों मरीजों की मौत
एंटीबायोटिक के दुरुपयोग व नियंत्रण पर कार्यशाला… फोटो — वायरल इंफेक्शन के दौरान नहीं करें एंटीबायोटिक का प्रयोगगायघाट. नेशनल टास्क फोर्स आन एंटीबायोटिक प्रोग्राम, सीआइएपी की ओर से पीएचसी में एंटीबायोटिक के दुरुपयोग व नियंत्रण के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. नेशनल फैकल्टी एंड रिसोर्स पर्सन डॉ अरुण शाह ने ग्रामीण चिकित्सक, केमिस्ट, दवा […]
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