मुजफ्फरपुर: न्यायिक दंडाधिकारी को बम से उड़ाने की धमकी मिली है. एक अज्ञात खत से पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. सूचना मिलने पर एसएसपी ने पुलिस बल के साथ सीजेएम व न्यायिक दंडाधिकारी से मिल कर पूरे मामले की जानकारी ली. पत्र के आधार पर नगर थाने में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
जानकारी के अनुसार, रंजुला भारती मुजफ्फरपुर कोर्ट में न्यायिक दंडाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं. मंगलवार को उन्हें एक अज्ञात पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें बताया गया कि आपके कोर्ट में मेरा एक केस चल रहा है. पांच साल से बार-बार केवल तारीख मिलती है. 31 अगस्त तक केस में फैसला नहीं हुआ तो बम विस्फोट कर कोर्ट परिसर में उन्हें उड़ा दिया जायेगा. गुरुवार को दंडाधिकारी रंजुला भारती ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एसपी सिंह से पत्र के साथ मिल कर मामले की जानकारी दी.
सीजेएम ने इसकी जानकारी एसएसपी सौरभ कुमार को दी. बाद में एसएसपी नगर डीएसपी उपेंद्र कुमार, काजी मोहम्मदपुर थानाध्यक्ष केके कुरैशी, नगर थानाध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद, महिला थानाध्यक्ष सुनीता कुमारी के साथ कोर्ट परिसर पहुंचे. एसएसपी ने सीजेएम से मिल कर एक घंटे तक विचार विमर्श करते हुए नगर थानाध्यक्ष को प्राथमिकी दर्ज कर मामले की छानबीन का आदेश दिया. एसएसपी ने दंडाधिकारी से भी पुराने केस की जानकारी ली. इधर, पुलिस पत्र की छानबीन में जुट गयी है. वही एसएसपी ने दंडाधिकारी की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिये है.
विवि परिसर एक बार फिर छात्र नेता की हत्या की दी गयी. थाने से कुछ मीटर की दूरी हत्या से छात्र काफी आक्रोशित थे. शव को घटनास्थल पर रख कर पुलिस की मौजदूगी में ही तोड़-फोड़ की गयी. छात्रों ने ब्रज वाहन के चालक का सिर फोड़ दिया. आक्रोशित छात्र सिटी एसपी की बात को भी समझने के लिए तैयार नहीं थे. देर रात जदयू नेताओं की वरीय अधिकारियों के साथ बैठक हुई, जिसमें विवि थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया. छात्रों ने विवि बंद की घोषणा वापस ले ली. वही मृतक के पिता के बयान पर अनिल ओझा समेत चार पर एफआइआर दर्ज कर ली गयी. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. डीएम व एसएसपी खुद पूरे मामले पर नजर रखे थे.