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आइजी ने अनुसंधानक को किया तलब

मुजफ्फरपुर: फरवरी में अतरदह मोहल्ले से अपहृत किये गये फौजी पुत्र का पांच माह बाद भी सुराग नहीं लगने पर बुधवार को जोनल आइजी पंकज दाराद ने नाराजगी जताते हुए सदर थानाध्यक्ष शंभु भगत व अनुसंधानक राजेश कुमार को तलब किया. उन्होंने केस की प्रगति रिपोर्ट जानने के बाद अपहरण मामले में जेल भेजे गये […]

मुजफ्फरपुर: फरवरी में अतरदह मोहल्ले से अपहृत किये गये फौजी पुत्र का पांच माह बाद भी सुराग नहीं लगने पर बुधवार को जोनल आइजी पंकज दाराद ने नाराजगी जताते हुए सदर थानाध्यक्ष शंभु भगत व अनुसंधानक राजेश कुमार को तलब किया.

उन्होंने केस की प्रगति रिपोर्ट जानने के बाद अपहरण मामले में जेल भेजे गये वैशाली जिले के बिदुपुर निवासी नीतेश को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने का निर्देश दिया. आइजी ने अनुसंधानक से पूछा कि नीतेश की गिरफ्तारी के समय अपहृत के पिता के सामने क्यों नहीं पूछताछ की गयी थी. उन्होंने रिमांड पर लेने के बाद नीतेश से फिर से पूछताछ कर अपहृत कुंदन की बरामदगी का निर्देश दिया है. यहां बता दें कि पुलिस ने नीतेश को बिदुपुर से मोबाइल सर्विलांस के आधार पर गिरफ्तार किया गया था. उसकी निशानदेही पर बेगुसराय में छापेमारी भी की गयी थी, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया.

42 बार मांगी फिरौती
अपहृत कुंदन के परिजनों से अपहर्ताओं ने अभी तक 42 बार फोन कर फिरौती की मांग की है. उसके भाई चंदन ने बताया कि उनलोगों से 10 फरवरी से लेकर मार्च तक चार विभिन्न मोबाइल नंबरों से 42 बार फिरौती की रकम मांग की गयी. फरवरी माह में फिरौती की रकम 35 लाख रुपये मांगी गयी थी. उसके बाद रकम 40 लाख कर दी गयी.

पुलिस को चारों नंबर उपलब्ध कराया गया था, लेकिन पांच माह बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक चारों नंबर का कॉल डिटेल नहीं निकाल पायी है. चार नंबर में से तीन नंबर का सीडीआर निकाला गया, लेकिन चौथे नंबर को छुआ तक नहीं गया.

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