मुजफ्फरपुर: ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर लाइट घोटाले की तर्ज पर अब शहरी क्षेत्र में वेपर लाइट लगाने में गड़बड़ी की बात सामने आ रही है. इधर, वेपर जांच के लिए बनी कमेटी पर भी सवाल उठाया गया है. वार्ड-33 के पार्षद मोहम्मद अब्दुल्लाह ने बताया है कि सशक्त स्थायी समिति की बैठक के प्रोसिडिंग में छेड़छाड़ की गयी है. साजिश के तहत प्रोसिडिंग में वेपर जांच कमेटी से उनका नाम हटाया गया है.
पार्षद ने बताया है कि अब तक वेपर मामले पर जांच कमेटी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. यह सिर्फ उनके वार्ड का नहीं बल्कि पूरे शहर का मामला है. पार्षद ने बताया कि शहर में नये वेपर लगाये जाने में बड़े स्तर पर खेल चल रहा है. एकरारनामा के अनुसार वार्डो में वेपर नहीं लगाया जा रहा है, बल्कि लोकल कंपनी का वेपर लगाया जा रहा है. बता दें कि शहर में 500 वेपर लगाये जा रहे हैं.
निगम प्रशासन के अनुसार इलेक्ट्रीक इंपायर नाम की एजेंसी वेपर लगाने का काम कर रही है. प्रत्येक वेपर लगाने पर करीब 56 सौ रुपये खर्च आ रहा है. हाल ही में सशक्त स्थायी समिति की बैठक में पार्षद अब्दुल्लाह ने अपने वार्ड में लगे नये वेपर को लाकर समिति के समक्ष प्रस्तुत किया था.