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लापता निखिल 135 दिन बाद हाजीपुर से बरामद

मुजफ्फरपुर: पांच सितंबर 2014 को सदर थाना क्षेत्र के राम दयालु सिंह कॉलेज के पास से लापता छात्र निखिल कुमार मंगलवार देर रात हाजीपुर के सुभई गांव से 135 दिन बाद पुलिस ने बरामद कर लिया है. वह सुभई गांव के जयलाल राय के घर नौकरी करता था. उनके मवेशी को चारा खिलाता था, जहां […]

मुजफ्फरपुर: पांच सितंबर 2014 को सदर थाना क्षेत्र के राम दयालु सिंह कॉलेज के पास से लापता छात्र निखिल कुमार मंगलवार देर रात हाजीपुर के सुभई गांव से 135 दिन बाद पुलिस ने बरामद कर लिया है. वह सुभई गांव के जयलाल राय के घर नौकरी करता था. उनके मवेशी को चारा खिलाता था, जहां से सदर थाना पुलिस निखिल को बरामद कर सदर थाना लायी है. उसे पूछताछ के लिए रखा गया है. इसके बाद उसे बुधवार को परिजन के हवाले किया जायेगा.
जानकारी हो कि, सदर थाना क्षेत्र के अतरदह मोहल्ला निवासी वीरेंद्र सिंह का पुत्र निखिल पांच सितंबर 2014 को स्कूल जाने के क्रम में राम दयालु सिंह कॉलेज के पास से लापता हो गया था. वह अपने छोटे के साथ घर से निकला था. शिक्षक दिवस मनाने के लिए केक भी स्कूल ले जा रहा था. लेकिन, इसी बीच वह छोटे भाई को खिलौना खरीद कर देता है व उसे स्कूल भेज देता है. जब निखिल का छोटा भाई शाम में घर आता है व बड़े भाई को नहीं देखता है तो पूरी कहानी अपनी मां को बताता है. इसके बाद परिजनों ने उसको काफी खोजा. लेकिन, वह नहीं मिला. छोटे भाई के बताये बातों के आधार पर निखिल के पिता वीरेंद्र सिंह ने सदर थाना में मोहल्ला के तीन युवक सोनू कुमार, विजय व चंदन को मामले में आरोपित बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इधर, सदर थाना पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए सोनू को घटना के दिन ही हिरासत में लिया था. उसके बाद विजय व चंदन को हिरासत में लिया था. इसके बाद भी पुलिस निखिल को बरामद नहीं कर सकी थी.
रविवार को आया था एक नंबर से कॉल
रविवार को निखिल की मम्मी के मोबाइल से एक अपरिचित कॉल आया था. वह निखिल की मम्मी से चंद मिनट बात भी किया था. जो युवक उनसे बात किया था. वह अपना परिचय नहीं दिया. वह सिर्फ इतना कहा कि निखिल ठीक है. वह घर वापस नहीं लौटना चाह रहा है. इसके बाद वह फोन कट कर दिया. जब इधर से फोन लगाया गया तो नंबर खवरेज एरिया से बाहर बता रहा था. इसके बाद निखिल के पिता वीरेंद्र सिंह ने उक्त नंबर को एसएसपी रंजीत कुमार मिश्र को दी. जहां से टावर लोकेशन के आधार पर सदर थानाध्यक्ष अंजनी कुमार झा व केस के अनुसंधानक दारोगा संजय प्रसाद ने छापेमारी कर निखिल को बरामद किया.
रात भर थाना पर जमे रहे निखिल के पिता
बेटा की बरामदगी की सूचना मिलते ही वीरेंद्र सिंह के घर में रौनक छा गयी. मां, दादा समेत सभी लोग थाना आने लगे. लेकिन, वीरेंद्र सिंह सभी को रोक कर अकेले बेटा को लेने थाना पहुंचे. जहां थानाध्यक्ष ने बच्चे को देने से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि वह बुधवार को निखिल से मामले में और जानकारी लेंगे. उसका मेडिकल करायेंगे. इसके बाद बच्चे को परिजन के हवाले करेंगे. इधर, निखिल के पिता पूरी रात थाना पर कड़ाके की ठंड के बावजूद थाना पर जमे रहे.
मौसी के डर से छोड़ा था घर
सूत्रों की माने तो निखिल अपनी मौसी के डर से घर छोड़ कर भागा था. निखिल की मौसी व मां एक साथ शहर में जमीन खरीदना चाह रही थी. इसके लिए वह घर में पैसा रखी थी. जो वह जानता था. वह अपने उम्र से बड़े मित्रों के संगत में आकर घर में रखे पैसा दोस्ती में खर्च कर रहा था. जब मौसी ने उसकी मां से पैसा की बात की तो वह डर गया. साथियों के साथ योजना बना कर घर से स्कूल के लिए निकला. लेकिन, बीच रास्ते से वह हाजीपुर की बस पर चढ़ गया.
दो दिन तक रहा हाजीपुर बस स्टैंड में
हाजीपुर पहुंचने के बाद निखिल दो दिनों तक हाजीपुर बस स्टैंड में ही रहा. वहां वह बसों को साफ करने का काम किया था. स्टैंड में ही उसे विष्णु ट्रेवल्स के एक स्टाफ दीपक से मुलाकात हुई. निखिल ने उसे पूरी जानकारी दी. फिर वह वहां से उसे हाजीपुर के सुभई गांव ले गया. जहां वह जय लाल राय के घर नौकर के तौर पर नौकरी करने लगा. इसके बदले उसे दो वक्त की रोटी मिलती थी.
घर नहीं लौटना चाह रहा था
जानकारी के अनुसार, निखिल आठ सितंबर 2014 को ही सुभई गांव पहुंच गया था. वह वहां गाय खिलाने का काम करने लगा. वह जय लाल राय से घर लौटने की कभी इच्छा जाहिर नहीं किया. साथ ही वह घर लौटने के बात पर मायूस हो जा रहा था. उसे यह लग रहा था कि क्या घर वाले उसे माफ करेंगे. उसे अपनायेंगे.
बरामदगी के लिए हुआ था एसएसपी कार्यालय में हंगामा
पुलिस के द्वारा निखिल की बरामदगी नवंबर माह तक नहीं हुआ था. इसे लेकर निखिल के परिजनों ने एसएसपी कार्यालय में धरना दिया था. साथ ही पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की थी. इसके बाद सिटी एसपी राजेंद्र कुमार भील ने निखिल के परिजनों के मांग पर केस के अनुसंधानक सुरेंद्र कुमार को बदल दिया था. इसके बाद दारोगा संजय प्रसाद को मामले में आइओ बनाया गया. आइओ मामले में तेजी से जांच पड़ताल शुरू किया. घर वालों के मोबाइल नबंर को सरविलांस पर लगा दिया. रविवार के दिन निखिल के मम्मी के नंबर पर निखिल के बारे में बातचीत होने की जानकारी मिली. इसके आधार पर आइओ ने मोबाइल नंबर का टावर लोकेशन निकला व हाजीपुर के सुभई गांव में मंगलवार देर रात छापेमारी कर निखिल को बरामद किया.

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