मुजफ्फरपुर: जनता दरबार के दौरान गुरुवार को समाहरणालय में लगभग तीन घंटे तक जम कर हंगामा हुआ. फरियाद लेकर पहुंचे लोग इसलिए भड़क गये, क्योंकि उनके दो साथियों को बिचौलिया समझ कर गिरफ्तारी का आदेश दे दिया गया था, जबकि इन लोगों का कहना था. वह भूदान की जमीन में हो रही बंदरबांट की शिकायत को लेकर आये हैं, जिस पर प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन कार्रवाई के बजाय फरियाद करनेवालों को ही पकड़ लिया गया. आखिर हम लोग न्याय के लिए कहां जायें? हंगामा करनेवाले लोग कुढ़नी के गोरिहारी पंचायत के थे.
इनमें दर्जनों की संख्या में महिलाओं व पुरुष शामिल थे. यह सभी भूदान में हो रही धांधली की शिकायत के लिए पहुंचे थे. भीड़ ज्यादा देख डीएम ने कुछ दो लोगों को आवेदन लेकर अपने पास आने को कहा. इस पर गौतम व विमल कुमार आवेदन लेकर डीएम के पास पहुंचे. इन दोनों के पास लगभग दो सौ आवेदन थे, जो एक ही भाषा में लिखे थे. इस पर डीएम को शक हुआ. उन्हें लगा दोनों बिचौलिये हैं, जो लोगों को साथ लेकर समाहरणालय पहुंचे हैं. इस पर डीएम ने दोनों की गिरफ्तार का निर्देश दिया. इसके बाद गौतम व विमल को पकड़ कर पुलिस नगर थाने ले गयी.
इसकी जानकारी जैसे ही गौतम व विमल के साथ आये लोगों को मिली. वह हंगामा करने लगे. प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी व गिरफ्तार दोनों लोगों की जल्द रिहाई की मांग करने लगे. इन लोगों का कहना था, जिन्हें पकड़ा गया है. वह अपने परिजनों को साथ फरियाद लेकर आये हैं? हमारी मांग पर कोई कार्रवाई करने के बजाय अधिकारी हमें ही गिरफ्तार कर रहे हैं. आखिर ये कहां का न्याय है?
हंगामे बीच कुछ महिलाएं डीएम आफिस के पोर्टिको में पहुंच गयीं. यहीं पर यह लोग धरने पर बैठ गयीं. कुछ महिालाएं बाहर निकल कर नारेबाजी करने लगी. महिलाओं का आरोप था, प्रशासन ने उनके साथ नाइंसाफी की है. वे भूदान की भूमि का परचा नहीं मिलने की फरियाद करने लिए जनता दरबार में आयी थी. इधर, हंगामा की सूचना पर नगर थानाध्यक्ष जीतेंद्र प्रसाद सिपाहियों के साथ समाहरणालय में थे. हंगामा कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास नगर थानाध्यक्ष कर रहे थे, लेकिन महिलाएं कुछ भी मानने को तैयार नहीं थी. उनका कहना था, पहले उन दोनों लोगों को रिहा किया जाये, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है. भीड़ को बेकाबू होता देख महिला पुलिस को भी बुलाया गया. महिलाओं ने कहा, बड़े साहब के यहां फरियाद करने वाले को जेल जाना होगा, तो हम गरीब कहां जायेंगे?
शीला देवी, प्रमिला देवी, मीनाक्षी देवी, रामकली देवी, मुरली कांत राय ने कहा, एक तो भू-दान के कर्मचारियों ने उनके साथ ठगी की. ऊपर से दो लोगों को पकड़ कर थाना के हवाले कर दिया. इधर, महिलाओं का गुस्सा शांत नहीं होता देख डीएम अनुपम कुमार ने मामले में हस्तक्षेप किया. उन्होंने एसडीओ पूर्वी सुनील कुमार से कहा, दोनों को रिहा कर दिया जाये, जब दोनों लोगों को नगर थाने से मुक्त कर दिया गया, तब जाकर हंगामा कर रही महिलाएं शांत हुईं. हंगामा कर रहे लोगों को समझाने के लिए सिटी एसपी कुमार एकले भी मौके पर पहुंचे थे. उन्होंने भी लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की.
लिखावट बनी वजह : दरअसल, जिनते भी लोग भूदान की जमीन को लेकर फरियाद करने जनता दरबार में पहुंचे थे. उनमें से ज्यादातर अनपढ़ थे. इनका आवेदन किसी दूसरे ने लिखा था. एक आवेदन की नकल करके ही दूसरा लिखा गया था. इस तरह से लगभग दो सौ आवेदन एक जैसे ही लिखे गये. यह डीएम के शक की वजह बनी. पिछले महीने डीएम के जनता दरबार में बासगीत परचा के मामले में कुछ बिचौलियों को पकड़ा गया था, जिन्हें डाट–फटकार के बाद छोड़ दिया गया था.