मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि की ओर से सत्र 2012-13 में दस नये बीएड कॉलेजों के छात्र-छात्राओं के पंजीयन पर रोक का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. निर्णय के विरोध में करीब आधा दर्जन कॉलेज के प्रशासकों ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन कर विवि प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये हैं.
प्रतिकुलपति डॉ राजेंद्र मिश्र के नेतृत्व में जांच कमेटी के गठन पर सवाल उठाते हुए उन्होंने विवि की मंशा पर भी सवाल उठाये हैं. संवाददाता सम्मेलन में वसुंधरा टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के प्रशासक कमल किशोर शर्मा, पारामाउंट एजुकेशनल फाउंडेशन के ट्रस्टी चंदन प्रसाद, रामश्रेष्ठ सिंह कॉलेज चोचहां कॉलेज के प्राचार्य डॉ विपिन बिहारी, चंद्रशील कॉलेज ऑफ एजुकेशन (कांटी) के प्रबंधक सुजीत कुमार व वाल्मिकी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज वैशाली के डीपी सिंह संयुक्त रूप से संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि एनसीटीइ के भुवनेश्वर स्थित पूर्वी क्षेत्र कार्यालय ने सभी दस कॉलेजों को सत्र 2012-13 में बीआरए बिहार विवि के अंतर्गत सहमति प्रदान की थी. 31 अगस्त को सभी कॉलेजों ने विवि में आवेदन देकर संबद्धता की मांग की. इसके दो महीने के भीतर विवि ने सभी कॉलेजों के निरीक्षण दल से निरीक्षण भी करवाया. बाद में इसे विवि संबद्धता समिति शैक्षणिक परिषद व सिंडिकेट से भी मंजूरी प्रदान की गयी.
बाद में विवि के आदेश पर सभी कॉलेजों ने 2.5 लाख रुपये संबद्धता शुल्क के रूप में जमा भी किये. अब जब परीक्षा की बारी आयी है तो विवि इनकार कर रही है. उन्होंने कहा कि कुलपति अपनी जिम्मेदारी का निवर्हन स्वयं न कर मामले को जांच कमेटी के पास भेज दिया. ऐसा मामले को टालने के लिए किया गया है.
* मैंने उचित व निष्पक्ष फैसला के लिए प्रतिकुलपति की अध्यक्षता में अधिकारियों की चार सदस्यीय टीम का गठन किया. यदि मैं अकेला फैसला ले लेता तो मेरे ऊपर पक्षपात का आरोप लगता. प्रत्येक कार्य के लिए विवि का अपना नियम हैं. बीएड कॉलेज को भी संबद्धता देने व परीक्षा लेने के लिए विवि का एक्ट है. जांच टीम रिपोर्ट सौंप चुकी है. उसी के आधार पर आगे फैसला लिया जायेगा. डॉ रवि वर्मा, कुलपति
* सत्र 2012-13 में दस बीएड कॉलेज के छात्रों के पंजीयन पर रोक का मामला
* विवि की मंशा पर उठाये सवाल
* कहा, मामले को टालने की कोशिश कर रहे हैं वीसी