मुजफ्फरपुर: चर्चित सोलर लाइट मामले के अनुसंधान के बाद निगरानी विभाग ने कोर्ट में जांच रिपोर्ट सौंप दी है. जांच के दायरे में उपविकास आयुक्त से लेकर कई पदाधिकारियों व पंचायतों के मुखिया पर गाज गिर सकती है. बता दें कि करोड़ों रुपये के घोटाले की बात सामने आने पर अधिवक्ता सुधीर ओझा ने वर्ष 2010 में मामला दर्ज कराया था.
इसमें सोलर लाइट की खरीद में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाया था. कोर्ट के आदेश पर निगरानी विभाग ने इसकी जांच की. जांच के बाद शुक्रवार को निगरानी विभाग पटना के एसपी अजीत कुमार ने रिपोर्ट न्यायालय को सौंप दी.
जांच में मिली गड़बड़ी : जांच के क्रम में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की बात सामने आयी है. कई फरजी प्रतिष्ठानों के नाम पर आपूर्ति कर्ता ने फरजी बिल बना कर खरीद दर्शायी है. कई पंचायतों में यह बात सामने आयी है कि पांच हजार में खरीदी गयी सोलर लाइट का बिल 38 से 49 हजार पास किया गया. घोटाले में 2006 से 2011 तक खरीद हुई सोलर लाइट के मामले में डीडीसी नइम अख्तर व योगेंद्र राम सहित मुखिया, पंचायत सचिव, आपूर्ति कर्ता व इस अवधि में प्रखंडों में पदस्थापित बीडीओ जांच के घेरे में आ गये हैं.