मुजफ्फरपुर: जिले में बाढ़ से निबटने के लिये जिला प्रशासन ने कमर कस ली है. अन्य सालों की तुलना में इस साल व्यापक स्तर पर रणनीति बनायी गयी है. बाढ़ से अधिक प्रभावित होने वाले तीन प्रखंड गायघाट, औराई व कटरा के अलावा आसपास के 87 पंचायत के 64055 परिवारों को चिह्न्ति किया गया है.
इनकी सुरक्षा व सहायता के लिए 202 नावों के अलावा 137 गोताखोर व सभी प्रमुख घाटों पर होम गार्ड के जवानों की तैनाती की गयी है. नये नावों, लाइफ जैकेट व पॉलीथिन शीट्स की खरीदारी के लिये निविदा आमंत्रित की गयी है. इसे दो दिन में पूरा कर लिया जायेगा.
बुधवार को ये बातें डीएम अनुपम कुमार ने कही. वे जल संसाधन विभाग के मुख्य व सहायक अभियंता व सभी बीडीओ, सीओ व थानाध्यक्ष के साथ बाढ़ पूर्व तैयारियों पर बैठक करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता, प्रखंड के सीओ, बीडीओ व क्षेत्र के थानाध्यक्ष को रोज इलाके का जायजा लेकर शाम में बैठक कर रिपोर्ट जिला आपदा प्रबंधन विभाग को भेजने का निर्देश दिया है. डीएम ने कहा कि प्रशासन बाढ़ व प्राकृतिक आपदा से होने वाली किसी भी तरह की समस्या से निबटने के लिये तैयार है.
50 हजार क्विंटल खाद्यान्न का भंडार
डीएम ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिये 200 लाइफ जैकेट के अलावा 10 हजार पॉलीथिन शीट्स व 50 हजार क्विंटल खाद्यान्न उपलब्ध है. इसमें से औराई, कटरा व गायघाट में तत्काल तीन-तीन हजार क्विंटल खाद्यान्न भंडारित किया गया है. वहीं चिह्न्ति 135 शरणस्थली पर पूर्व से लगे चापाकल ठीक करने, नये चापाकल लगाने व सांप काटने की दवा, हैलोजन टेबलेट्स, ओआरएस व प्रचुर मात्र में ब्लीचिंग पाउडर उपलब्ध करा दिया गया है. वहीं मोबाइल मेडिकल टीम की व्यवस्था कर दी गयी है.
नहीं होगा आवागमन बाधित
डीएम ने कहा कि जिला प्रशासन ने पहली बार बाढ़ के दौरान सड़क टूटने व आवागमन की समस्या के समाधान की ठोस पहल की है. ग्रामीण कार्य व पथ निर्माण विभाग को चचरी पुल निर्माण कराने के साथ ही अविलंब सड़कों की मरम्मती के लिए अलग से राशि दी गयी है. वहीं 24 घंटे तक आपात सेवा के लिए जिला आपदा नियंत्रण कक्ष को चालू किया गया है. इसमें बाढ़ के दौरान बांध टूटने व प्राकृतिक आपदा से संबंधित किसी भी तरह की सूचना दी जा सकती है.