मुजफ्फरपुर: शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में उत्पादित अच्छी किस्म के मशरूम अब महानगरों के होटलों में भेजे जायेंगे. इसके लिए तैयारी जारी है. मशरूम की पैदावार में जुटे कैदियों को अच्छी किस्म के मशरूम की पैदावार करने को कहा गया है. ताकि इनके उत्पादित मशरूम की मांग महानगरों की होटलों में बढ़े. मशरूम के उत्पादन में जुटे कैदियों की मदद राजेंद्र विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक दयाराम सहनी कर रहे हैं.
दो सौ कैदी कर रहे खेत
मशरूम की पैदावार करने में दो सौ बंदी जुटे हैं. इन सभी बंदियों को राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ने मशरूम की खेती करने का प्रशिक्षण दिया है. यह प्रशिक्षण सात दिनों तक चला था, जिसमें मशरूम की खेती कैसे की जाये, क्या-क्या सावधानी बरतें आदि की जानकारी दी गयी थी.
महानगरों में अधिक कीमत मिलेगी
प्रभारी जेल अधीक्षक इफ्तेखार अहमद ने बताया कि मशरूम महानगरों के होटलों में अधिक पसंद किये जाते हैं. जेल में उत्पादित मशरूम की किस्म अच्छी है. इसकी मांग महानगरों में अधिक है. उन्होंने कहा कि महानगर से कुछ विशेषज्ञ भी कैदियों के उत्पादित मशरूम को देखने पहुंच रहे हैं. पहली बार मशरूम को दिल्ली, मुंबई व कोलकाता भेजा जायेगा. प्रशिक्षण के बाद मशरूम की पैदावार करने वाले सभी बंदियों को कॉलेज ने प्रमाणपत्र भी दिया है.