मुजफ्फरपुर: बरसात और गरमी के मौसम में होने वाली संक्रामक बीमारी आई-फ्लू का प्रकोप शुरू हो गया है. इसके कारण आई फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी अस्पतालों में रोजाना सैकड़ों की संख्या में आंख की बीमारी से ग्रसित मरीज पहुंच रहे हैं.
आम भाषा में इसे आंख आना कहा जाता है. चिकित्सक बताते हैं कि चूंकि इस बीमारी में आंख के सफेद भाग स्केलेरा के ऊपर स्थित एक पतली झिल्ली (कंजक्टिवाइटिवा) वायरल संक्रमण के कारण सूज जाती है. जून से लेकर अक्तूबर तक इसके वायरस ज्यादा सक्रिय होते हैं. यह बैक्टीरिया के कारण भी होती है. इसके संक्रमण होने से सिरदर्द, बुखार व कान के पास सूजन होने की संभावना भी बढ़ जाती है.
हवा से फैलता है वायरस
डॉक्टर बताते हैं कि संक्रामक बीमारी आई-फ्लू का वायरस हवा से तो फैलता ही है. पीड़ित की आंख से आंख मिलाने पर भी यह फैल जाता है. इसकी चपेट में आने पर आंखों को काफी तकलीफ होती है. आंखों में कीचड़ ज्यादा निकलने लगता है जिससे सुबह उठने पर पलकें एक-दूसरे से चिपक-सी जाती है. आंखें लाल हो जाती है. उसमें जलन भी होती है. अक्सर लोग इसे सामान्य बीमारी मान लेते हैं. लेकिन ज्यादा लापरवाही बरतने पर कार्निया के क्षतिग्रस्त होने की संभावना रहती है, जिससे अंधापन भी हो सकता है.
इन दिनों आई-फ्लू का संक्रमण काफी फैल रहा है. बैक्टीरियल और वायरल दोनों तरह से ग्रसित रोगी रोजाना 40 से 50 की संख्या में ओपीडी में आ रहे हैं. इलाज कराने पर दो से तीन दिनों में ठीक भी हो जा रहा है. यह संक्रामक रोग है. इसलिए पीड़ित से दूर रहना चाहिए और उसके द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले सामग्रियों का उपयोग भी नहीं करना चाहिए.
डॉ कमलेश शर्मा, चिकित्सक, नेत्र रोग विभाग, एसकेएमसीएच
मौसम में बदलाव के कारण आई-फ्लू का प्रकोप बढ़ा है. यह संक्रामक रोग है. एक से दूसरे में भी फैलता है. इसलिए सतर्कता बरतनी चाहिए और पीड़ित व्यक्ति से अलग रहना चाहिए. करीब एक महीना से ऐसे मरीजों का प्रकोप बढ़ा है. वातावरण के सामान्य होने पर धीरे-धीरे इसका प्रकोप खत्म होगा.
डॉ पल्लवी, नेत्र रोग विशेषज्ञ