मुजफ्फरपुर : फेलिन में हुए नुकसान की भरपाई के लिए मिली 20 करोड़ राशि का सरकार से हिसाब-किताब मांगे जाने से अधिकारियों की नींद उड़ गयी है. राशि पर कुंडली मार बैठे प्रखंड के अधिकारियों व कर्मियों को बिना राशि वितरण किये उपयोगिता प्रमाण पत्र देने का अब कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है.
जबकि 21 अगस्त को इस मामले में राज्य स्तरीय समीक्षा होनी है. इसमें खर्च हुई राशि का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जाना है. इधर विभाग के आदेश पर अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन भानू प्रताप सिंह ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी (मोतीपुर व कुढ़नी) छोड़ कर 24 घंटे के अंदर राशि का उपयोगिता देने को कहा है. प्रमाण पत्र नहीं देने पर कड़ी कार्रवाई की बात कही गयी है.
इधर मुआवजा वितरण की जमीनी हकीकत की बात करें तो, राशि वितरण तो दूर अभी कई प्रखंडों में फेलिन प्रभावित किसानों की सूची तक तैयार नहीं की गयी है. पंचायत सचिव किसानों का आवेदन लेकर ठंडे बस्ते में रखे हुए हैं. दूसरी ओर किसान राशि के लिए टकटकी लगाये हुए हैं. हालांकि कुछ बंदरा व मड़वन में राशि का वितरण किया गया है.
छह महीने पहले हुआ राशि का उप आवंटन : आपदा विभाग से प्रखंडों को छह महीने पहले राशि का उप-आवंटन किया गया था. राशि वितरण के लिए बार-बार रिमाइंडर दिया जा रहा है. लेकिन अभी तक किसी भी प्रखंड से उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. जिले को मुआवजा वितरण के लिए 27 करोड़ 19 लाख 13 हजार राशि दी गयी थी. लेकिन कृषि विभाग ने मोतीपुर व कुढ़नी में फसल नुकसान नहीं होने की रिपोर्ट देने के कारण सात करोड़ 87 लाख 715 रुपये आपदा विभाग ने सरेंडर कर दिया था.