38 लाख की योजना एक माह में होगी पूरी, मवेशी व अन्य लोगों का घुसना होगा मुश्किल
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गंगा किनारे वाटर वर्क्स को सुरक्षित करने की तैयारी शुरू
38 लाख की योजना एक माह में होगी पूरी, मवेशी व अन्य लोगों का घुसना होगा मुश्किल भागलपुर : वाटर वर्क्स को सुरक्षित करने की तैयारी शुरू हो गयी है. खासकर गंगा किनारे से वाटर वर्क्स फिलहाल पूरी तरह से असुरक्षित है. यहां घेराबंदी शुरू हो गयी है, जिसे एक माह में पूरा कर लिया […]
भागलपुर : वाटर वर्क्स को सुरक्षित करने की तैयारी शुरू हो गयी है. खासकर गंगा किनारे से वाटर वर्क्स फिलहाल पूरी तरह से असुरक्षित है. यहां घेराबंदी शुरू हो गयी है, जिसे एक माह में पूरा कर लिया जायेगा.
असामाजिक तत्वों से लेकर मवेशियों की शरणस्थली था वाटर वर्क्स : आगे से कुछ न कुछ घेराबंदी होने पर लोगों को घुसना मुश्किल था. फिर भी असामाजिक तत्व यहां पर दारू पीते थे, जिसका प्रमाण दारू की बोतलें परिसर में मिली थी. असामाजिक तत्वों, मवेशी से लेकर जहरीले जीव-जंतुओं के लिए शरणस्थली बन गयी थी. गंगा की ओर से घेराबंदी शुरू होने पर कर्मचारियों में खुशी है. कर्मचारियों ने बताया कि कुछ भी गलत होता है, तो मिलीभगत होने का आरोप लगता रहता था. इतना ही नहीं रात के अंधेरे में हमेशा अलग-अलग तरह के खतरे का अंदेशा बना रहता है. घेराबंदी शुरू होने पर बहुत हद तक सुरक्षित महसूस करने लगा हूं.
इंटकवेल कर्मचारियों के लिए बनेगा स्थायी शेड : गंगा किनारे बने इंटकवेल के कर्मचारियों को वर्षों से अस्थायी शेड में रहना पड़ता था. बारिश में पानी टपकता था, तो बाढ़ व आम दिनों में सांप एवं अन्य जहरीले जीव-जंतुओं का आना-जाना होता है. हालांकि अब तक किसी तरह की अनहोनी नहीं हुई. तीन दिन पहले नगर आयुक्त जे प्रियदर्शनी ने कर्मचारियों की परेशानियां देखी. इस पर उन्होंने शेड बनाने और रोशनी व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं.
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