मुजफ्फरपुर: शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में बंद बैंक डकैती के आरोपित ने सोमवार को गायघाट थाना प्रभारी को जाति सूचक शब्द कहे. इस संबंध में थाना प्रभारी ने मिठनपुरा थाना में अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया है.
गायघाट के बेरुआ गांव स्थित उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक से 5.72 लाख रुपये लूट मामले में चार लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. इसमें पियर थाना क्षेत्र के नुनफारा निवासी अमरेश ठाकुर, औराई के रामपुर निवासी मुरारी सिंह, शनि पासवान व कुमोद राम शामिल थे. सोमवार को गायघाट थाना प्रभारी सत्येंद्र राम प्रथम सत्र न्यायिक दंडाधिकारी संतोष कुमार के साथ इन सभी का फिंगर प्रिंट्स लेने
जेल पहुंचे, ताकि उसका मिलान
बैंक में मिले फिंगर प्रिंट्स से किया जा सके. वहां अमरेश ठाकुर ने थाना प्रभारी पर जानबूझ कर फंसाने का आरोप लगाना शुरू किया. इस दौरान उसने थाना प्रभारी को जाति सूचक शब्द
भी कहे.
एक माह पूर्व भी किया था इनकार
करीब एक माह पूर्व भी गायघाट थाना प्रभारी चारों का फिंगर प्रिंट्स लेने केंद्रीय कारा पहुंचे. इस दौरान अमरेश ने फिंगर प्रिंट्स देने से इनकार कर दिया था. उसका कहना था कि वह इस संबंध में अपने वकील से सलाह लेगा. इसके बाद पुलिस को वहां से बैरंग लौटना पड़ा था.
अप्रैल 2012 में गायघाट प्रखंड के बेरुआ स्थित उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की शाखा में डकैती हुई. इसमें करीब 5.72 लाख रुपये लूट लिये गये. घटना के एक सप्ताह बाद ही अमरेश ठाकुर, मुरारी सिंह, शनि पासवान व कुमोद राम को अहियापुर थाना क्षेत्र में डकैती की योजना बनाते पकड़ा गया. इन लोगों के पास से हथियार भी बरामद हुए. पूछताछ के क्रम में इन लोगों ने बेरुआ बैंक डकैती में अपनी संलिप्तता स्वीकार की. इनकी निशानदेही पर बैंक से लूटी गयी राशि भी बरामद की गयी थी.