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बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन कर किया गया निर्माण, ब्रजेश ठाकुर के बालिका गृह भवन को तोड़ने का आदेश
मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर नगर निगम ने बालिका गृह कांड के मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर के साहू रोड स्थित उस भवन को तोड़ने का आदेश दिया है, जिसमें बालिका गृह का संचालन होता था. नगर आयुक्त संजय दूबे ने शनिवार को इससे संबंधित मामले में सुनवाई के बाद आदेश दिया. नगर निगम ने जांच में पाया […]
मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर नगर निगम ने बालिका गृह कांड के मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर के साहू रोड स्थित उस भवन को तोड़ने का आदेश दिया है, जिसमें बालिका गृह का संचालन होता था. नगर आयुक्त संजय दूबे ने शनिवार को इससे संबंधित मामले में सुनवाई के बाद आदेश दिया. नगर निगम ने जांच में पाया कि इस भवन का निर्माण बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन कर किया गया. इसी भवन में दूसरी तरफ ब्रजेश का प्रात: कमल अखबार का प्रेस भी चलता था.
बालिका गृह कांड की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों बालिका गृह के भवन को लेकर राज्य सरकार से कई सवाल किये थे. इसके बाद नगर निगम ने भवन की जांच करायी थी. शनिवार को सुनवाई के दौरान ब्रजेश ठाकुर के अधिवक्ता अजय कुमार ने वर्ष 2004 में एमआरडीए से पास जी प्लस वन भवन के नक्शा की प्रति उपलब्ध करायी. इसके अनुसार 22 फुट ऊंचे भवन का निर्माण करना था. दोनों तरफ सेटबैक छोड़ना था. हालांकि, वर्तमान में लगभग 50 फुट ऊंचे भवन का निर्माण है.
अगल-बगल में जगह भी नहीं छोड़ी गयी है. भवन तक पहुंचने का जो रास्ता है. वह भी संकीर्ण है. इसके अलावा बिल्डिंग बायलॉज के कई अन्य मानक का भी उल्लंघन किये जाने का प्रमाण मिला. इन सभी बिंदुओं पर सुनवाई के बाद नगर आयुक्त ने एक माह के भीतर ब्रजेश ठाकुर को खुद बालिका गृह भवन को तोड़ने का आदेश दिया है.
ऐसा नहीं करने पर 30 दिनों बाद नगर निगम जेसीबी से तीन मंजिला भवन तोड़ देगा. इस पर खर्च होने वाली रकम निगम ब्रजेश ठाकुर से वसूल करेगा. नहीं देने पर उनकी संपत्ति नीलाम कर नगर निगम खर्च वसूल कर सकता है. इस बीच, ब्रजेश के निकट के लोगों ने बताया कि इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल किया जायेगा.
संस्था के सदस्यों ने एनजीओ की संपत्ति से पल्ला झाड़ा
मुजफ्फरपुर. सेवा संकल्प एवं विकास समिति के पदधारकों की संपत्ति जब्त करने को लेकर डीएम कोर्ट में सुनवाई हुई. इसमें समिति से जुड़े सभी ने कहा कि जिस संपत्ति को जब्त करने का नोटिस भेजा गया है, उससे उनका सरोकार नहीं है.
ब्रजेश के कारोबार पर आयकर की नजर
पटना : सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हरकत में आया आयकर विभाग की एक खास टीम मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड के आरोपित ब्रजेश ठाकुर व उससे जुड़े कारोबार की कुंडली खंगालने में जुट गयी है. विभाग की ओर से अवकाश के बाद इस मामले में कुछ तस्वीर साफ होगी. आयकर विभाग ने नोटिस जारी करते हुए पिछले कुछ सालों में आय-व्यय का ब्योरा भी मांगा है. उसका रिटर्न देखा जा रहा है. उसके बाद स्क्रूटनी की तैयारी है. आयकर विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि नियमानुसार नोटिस जारी करने के बाद 15 दिन का समय दिया जाता है. यह भी बताया गया कि कई बार सामने वाली पार्टी समय बढ़ा देती है.
विभाग को भी समय देना होता है. बता दें कि नियमानुसार अधिकतम छह साल का ही हिसाब आयकर विभाग देख सकता है. यह बात अधिकारी भी मानते हैं. 10 साल में ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ सेवा संकल्प को साढ़े चार करोड़ रुपये मिले हैं. इस राशि को खर्च किस तरह किया गया, उसको लेकर दस्तावेजों की जांच होगी.
सीबीआई के लिए साक्ष्य है यह भवन
नगर निगम ने भले ही बालिका गृह भवन को तोड़ने का आदेश दिया है, लेकिन इसमें एक पेच है कि यह सीबीआई के लिए एक साक्ष्य है. बालिका गृह कांड की जांच सीबीआई कर रही है और घटनास्थल यह भवन है. नगर आयुक्त संजय दूबे ने बताया कि हमने सीबीआई को भी कार्रवाई से अवगत करा दिया है. सीबीआई से इस मसले पर मार्गदर्शन भी मांगा है.
इस आधार पर आदेश
2004 में जी प्लस वन का नक्शा पास. भवन जी प्लस थ्री बना.
22 फुट तक ऊंचे भवन का निर्माण करना था. बिना खिड़की बनी 50 फुट ऊंची इमारत
भवन के दो तरफ खाली जगह छोड़नी थी. खाली जगह नहीं छोड़ी गयी.
बिल्डिंग बायलॉज के विपरीत मकान तक पहुंचने का रास्ता
भी काफी संकीर्ण.
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