मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में बाहरी एजेंसी की ओर से मुहैया कराये जाने वाले प्रमाण पत्रों में खामियां है. इसमें एजेंसी के पहचान से संबंधित कोई निशान उपलब्ध नहीं है. पर जल्द ही विवि के सभी प्रमाण पत्रों में एक गुप्त निशान बनाना अनिवार्य होगा.
ताकि भविष्य में फर्जी प्रमाण पत्र की जांच के दौरान आसानी से छपाई एजेंसी का नाम पता चल सके. यह सुझाव विवि में फर्जी लॉ सर्टिफिकेट बनाने के मामले की जांच कर रही तीन सदस्यीय कमेटी कुलपति को देगी. यह जानकारी जांच से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न छापने के शर्त पर दी.
उन्होंने बताया कि जांच के क्रम में नकली औपबंधिक प्रमाण पत्र की छपाई के संबंध में विवि प्रेस के कर्मचारियों से पूछताछ की गयी. इस दौरान कर्मचारियों ने प्रमाण पत्र को देख कर उसके प्रेस में छपाई से इनकार किया. उनके अनुसार विवि प्रेस में छपे प्रमाण पत्र के नीचे काले धब्बे के रूप में एक निशान रहता है, जो एक गुप्त कोड है. पर उक्त प्रमाण पत्र में ऐसा कोई कोड नहीं मिला है.
कर्मचारियों ने कमेटी को बताया कि विवि में प्रमाण पत्र एक निजी प्रिंटिंग प्रेस की ओर से भी मुहैया कराया जाता है. उस पर इस तरह के कोई निशान नहीं होते. ऐसे में टीम कुलपति को अपनी रिपोर्ट में प्रमाण पत्रों की गोपनीयता बनाये रखने व उसकी पहचान के लिए अनुबंध के तौर पर बाहर छपाई के दौरान प्रमाण पत्र पर भी ऐसे किसी निशान लगाने का सुझाव दे सकती है.