मुजफ्फरपुर : कॉलेज और यूनिवर्सिटी को अब यूजीसी से अनुदान नहीं मिलेगा. केंद्र सरकार की नयी योजना के मुताबिक हायर एजुकेशन फाइनेंसिंग एजेंसी (हेफा) केनरा बैंक के माध्यम से फंडिग की जायेगी. इसे उच्च शिक्षण संस्थानों को चुकाना पडेगा. शोध, सुविधा, संसाधन और अधोसंरचना को लेकर सरकार अलग से निवेश करेगी. यूजीसी की स्वायत्तता व वित्तीय शक्तियां जल्द ही केंद्र सरकार के पास होंगी. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उच्च शिक्षा के लिए धन आवंटित करने के लिए एक वित्तीय एजेंसी का गठन किया है,
जिसका नाम हायर एजुकेशन फाइनेंशियल एजेंसी (हेफा) है. यूजीसी के अनुसार, यह एजेंसी आनेवाले दिनों में सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को ग्रेडिंग के आधार पर वित्तीय सहायता और अनुदान राशि प्रदान करेगी. जो फंड यूजीसी को मिलेगा, उसे तय समय में लौटाना भी होगा. 10 फीसदी संस्था और 90 फीसदी राशि बैंक केनरा खुले बाजार से फंड हासिल कर देगी. इस योजना के तहत केंद्रीय विश्वविद्यालयों को हेफा से मिलने वाले फंड का कम से कम 10 फीसदी खुद जुटाना होगा, जबकि शेष 90 फीसदी सरकार चुकायेगी. वहीं आइआइटी, एनआइटी और आइआइएम जैसी संस्थाएं 25 फीसदी खुद जुटाएंगी. सरकार इसे सिर्फ केंद्रीय स्तर पर लागू नहीं करेगी, बल्कि दूसरे चरण में राज्य विवि व संबद्ध कॉलेज भी दायरे में आयेंगे. प्रोफेसरों के वेतन को भी इसमें जोड़ा गया है.