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बोचहां प्रखंड के 732 स्कूली बच्चों पर मात्र एक शिक्षक
चंद्रभूषण बोचहां : प्रखंड में अगर शिक्षा व्यवस्था की स्थिति देखी जाये तो जानकर ताज्जुब होगा कि 732 बच्चों पर मात्र एक शिक्षक हैं. सरकारी व्यवस्था के अनुसार 40 बच्चों पर एक शिक्षक अनिवार्य हैं. प्रखंड में कुल 86 मिडिल स्कूल व 110 प्राइमरी स्कूल है, जिसमें कुल 48 हजार 9 सौ 48 बच्चों का […]
चंद्रभूषण
बोचहां : प्रखंड में अगर शिक्षा व्यवस्था की स्थिति देखी जाये तो जानकर ताज्जुब होगा कि 732 बच्चों पर मात्र एक शिक्षक हैं. सरकारी व्यवस्था के अनुसार 40 बच्चों पर एक शिक्षक अनिवार्य हैं. प्रखंड में कुल 86 मिडिल स्कूल व 110 प्राइमरी स्कूल है, जिसमें कुल 48 हजार 9 सौ 48 बच्चों का नामांकन है.
अगर शिक्षक की व्यवस्था देखी जाये तो मिडिल स्कूल में कुल 368 शिक्षक हैं. प्राथमिक स्कूल में कुल 300 शिक्षक हैं. कुल मिलाकर 668 शिक्षक 48 हजार 9 सौ बच्चों की शिक्षा देते हैं. अगर ऐसी व्यवस्था रही तो 732 बच्चों पर एक शिक्षक उपलब्ध हैं. खुद सोचा जा सकता है कि ऐसी स्थिति में कैसी पढ़ाई संभव है.
दूसरी ओर अगर छात्रवृत्ति की स्थिति देखी जाये तो अभी तक 3420 बच्चों का खाता ही बैंकों में खुल पाया है. जबकि किसी भी परिस्थिति में छात्रवृत्ति पोशाक व साइकिल योजना की राशि सीधे बच्चों के खाते में जाना है.
एक शिक्षक ने बताया कि विभाग के द्वारा पैसा वापसी का दबाव बनाया जा रहा है, जबकि बैंक खाता खोलने को तैयार नहीं है. ऐसी स्थिति में अभिभावक व बच्चों का सीधा-सीधा शिकार शिक्षकों को होना पड़ता है.
दूसरी ओर देखा जाये तो प्रखंड में 24 ऐसे विद्यालय हैं जो भवनहीन एवं भूमिहीन है, जिसमें एक विद्यालय रामदास मझौली मुसहरी टोला को विगत दो वर्ष पूर्व ग्रामीणों ने जमीन तो उपलब्ध करा दी गयी. विद्यालय के नाम से रजिस्ट्री भी हो गई, लेकिन पैसे के अभाव में आज तक भवन निर्माण नहीं हो पाया.
इस विद्यालय के प्रभारी मोहम्मद नसरुल्लाह ने बताया कि विभाग के बार-बार लिखने के बावजूद भी आज तक पैसा उपलब्ध नहीं कराया गया है. विभागीय जानकारी के अनुसार सभी भवनहीन एवं भूमिहीन विद्यालय को पास के विद्यालय में मर्ज करने का भी आदेश आ चुका है.
क्योंकि इसके पीछे मुख्य कारण भूमि उपलब्ध होना नहीं बताया जा रहा है. इस संबंध में बीईओ संगीता कुमारी ने बताया कि सरकार की ओर से जो व्यवस्था है. उसके अनुसार कार्य किया जा रहा है. शिक्षकों की कमी है.
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