मुजफ्फरपुर: पीएमजी कार्यालय से घूस लेते पकड़े गये श्री नारायण प्रसाद ने फिर से पदभार ग्रहण कर लिया है. उन्हें फिलहाल सामान्य कार्य करने की अनुमति मिली है. इस मामले में सीबीआइ की टीम ने शुक्रवार को पीएमजी विधानचंद्र राय से भी पूछताछ की.
टीम ने कई महत्वपूर्ण फाइल अपने साथ लेकर पटना गयी है. पीएमजी विधानचंद्र राय ने बताया कि सीबीआइ ने श्री नारायण को बीमारी को लेकर राहत दी हा, लेकिन अभी भी उनकी जांच चल ही रही है. अब तक जिन कर्मियों की पोस्टिंग हुई हैं, सीबीआइ ने उनसे भी पूछताछ कर जानकारी ली हा. श्री नारायण ने सीबीआइ को बताया था कि पोस्टिंग कराने के एवज में जो रिश्वत ली जाती थी, उसमें से आधी से अधिक राशि वरीय अधिकारियों को चढ़ावे में चली जाती थी. इस बात पर भी टीम ने कई वरीय पदाधिकारी को पटना पूछताछ के लिये बुलाया है.
27 दिन में ही निलंबन टूटा : सीबीआइ ने छह मार्च को पीएमजी में कार्यरत श्री नारायण को पोस्टिंग के एवज में डाकिया जितेंद्र गुप्ता से 15 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा था. इसके बाद उन्हें 12 मार्च को निलंबित कर दिया गया था. लेकिन श्री नारायण का निलंबन महज 27 दिन में ही टूट गया. जबकि अब तक सीबीआइ के हत्थे चढ़े अधिकारियों का निलंबन छह माह बाद ही टूटा. श्री नारायण का निलंबन खत्म करने में अधिकारियों की दलील भी अजीब है. पीएमजी कहते है कि श्री नारायण का इलाज चल रहा है. अगले महीने ऑपरेशन होना है. निलंबन में उन्हें सरकारी लाभ नहीं मिल पाता. इलाज के लिए लोन भी नहीं मिलेगा. इसी कारण उनका निलंबन समाप्त किया गया है.