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नाला सफाई के सवाल पर फंस गये वार्ड पार्षद
मुजफ्फरपुर : नवरुणा हत्याकांड में सीबीआइ के नाला सफाई के सवाल पर वार्ड पार्षद राकेश कुमार सिन्हा पप्पू फंस गये हैं. पूछताछ में उनका जबाव संतोषजनक नहीं पाने पर गिरफ्तारी की गयी है. 26 नवंबर 2012 को कंकाल मिलने के दौरान घटनास्थल के आसपास पूर्व विधायक के साथ राकेश सिन्हा पप्पू उपस्थित थे. सीबीआइ गुत्थी […]
मुजफ्फरपुर : नवरुणा हत्याकांड में सीबीआइ के नाला सफाई के सवाल पर वार्ड पार्षद राकेश कुमार सिन्हा पप्पू फंस गये हैं. पूछताछ में उनका जबाव संतोषजनक नहीं पाने पर गिरफ्तारी की गयी है. 26 नवंबर 2012 को कंकाल मिलने के दौरान घटनास्थल के आसपास पूर्व विधायक के साथ राकेश सिन्हा पप्पू उपस्थित थे. सीबीआइ गुत्थी सुलझाने के लिए कंकाल को ही मुख्य फाेकस करते हुए जांच कर रही थी. नाला सफाई के मसले पर निदान सहित डेढ़ सौ से अधिक लोगों से पूछताछ हो चुकी है. लेकिन कई ऐसेे सवालों के जबाव है, जिसका जबाब पप्पू ने निदान कर्मियों के जवाब से अलग दिया था. जिससे सीबीआइ का शक गहरा गया था.
अतुल्य ने भी नाला सफाई पर जतायी थी आपत्ति : घटना के समय पप्पू की पत्नी वार्ड पार्षद थी. लेकिन सारा काम पार्षद पति होने के कारण वह खुद देखता था. सीबीआइ को पूछताछ में जानकारी मिली थी कि पार्षद पति के कहने पर ही निदान कर्मी नाला साफ करने पहुंचे थे. अतुल्य चक्रवर्ती ने भी सवाल उठाया था कि कंकाल मिलने के दस रोज पहले ही इस नाले की सफाई की गयी थी. फिर इतनी जल्दी नाले की सफाई करने की नौबत क्यों आयी. जबकि शहर में कई ऐसे नाले हैं जिनकी सफाई साल पर भी नहीं हो पाती है. इसको लेकर ही इससे जुड़े लोगों की पॉलीग्राफी टेस्ट भी करायी गयी थी. पप्पू को सीबीआइ अहमदाबाद ले गयी थी. जांच में कई नये तथ्य सामने आये थे. हालांकि उसने नार्को व ब्रेन मैपिंग कराने से इंकार कर दिया था.
पूर्व विधायक ने नहीं उठाया फोन
पूर्व विधायक विजेंद्र चौधरी से देर रात संपर्क करने का प्रयास किया गया. लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. सीबीआइ ने 30 अगस्त को पत्र भेज कर एसएसपी से उनका व राकेश पप्पू का आपराधिक इतिहास मांगा था. बताया जाता है कि अपहरण कांड
के दिन भी वह अतुल्य चक्रवर्ती के घर जाकर परिजनों को सांत्वना दी थी. सीबीआइ ने उन्हें भी नोटिस देकर पूछताछ की थी. जिला पुलिस भी पूर्व विधायक पर दर्ज मामलों की सूची तैयार कर सीबीआई को सौंप चुकी है.
पुलिस व सीआइडी जांच पर उठे थे सवाल
नवरुणा कांड में अतुल्य चक्रवर्ती ने नगर पुलिस व सीआइडी जांच पर सवाल उठाये थे. उनका कहना था कि घटना की शुरूआत से ही अनुसंधान में लापरवाही बरती गयी थी. वह बार-बार जमीन को लेकर भूमि माफियाओं की करतूत बता रहे थे. लेकिन पुलिस ने प्रेम प्रसंग के कोण पर छानबीन कर रही थी. तत्कालीन नगर थानाध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद सहित पुलिस पदाधिकारियों की भूमिका भी कटघरे में पायी थी.
पहले आइओ ने ले लिया था वीआरएस : नवरुणा मामले की जांच कर रही सीबीआइ टीम की यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. तत्कालीन आइओ आरपी पांडेय के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद कई सवाल भी उठे थे. कहा जा रहा था कि बड़े लोगों के दबाव में आइओ ने वीआरएस ले लिया था. हालांकि इस केस के सीबीआइ के तीसरे आइओ कुमार रौनक लंबे समय से छानबीन कर रहे है.
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