नेपाल से भी इन दिनों कपड़ों की खरीदारी बंद है. कपड़ा, रेडिमेड, हाउस होल्ड आर्टिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक, होजियरी, सर्राफा सहित अन्य ट्रेडों में ग्राहक नदारद हैं. दुकानदारों का कहना है कि थोड़ा-बहुत कारोबार अभी सिर्फ शहरी क्षेत्रों में ही हो रहा है. बाहर के ग्राहक नहीं आ रहे हैं. कहीं से ऑर्डर भी नहीं आ रहा है.
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पिछले 15 दिनों से बाजार ठप सभी ट्रेडों का एक जैसा हाल, बाढ़ से बाजार को आठ अरब की चपत
मुजफ्फरपुर : बाढ़ के कारण शहर के बाजार को पिछले 15 दिनों में करीब आठ अरब का नुकसान हुआ है. इस दौरान विभिन्न ट्रेडों के कारोबार में 50 से 60 फीसदी गिरावट आयी है. कई ट्रेडों में स्टॉक नहीं है, तो कई के पास ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं. बाढ़ के कारण बाहर से जिंसों […]
मुजफ्फरपुर : बाढ़ के कारण शहर के बाजार को पिछले 15 दिनों में करीब आठ अरब का नुकसान हुआ है. इस दौरान विभिन्न ट्रेडों के कारोबार में 50 से 60 फीसदी गिरावट आयी है. कई ट्रेडों में स्टॉक नहीं है, तो कई के पास ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं. बाढ़ के कारण बाहर से जिंसों की आपूर्ति भी बाधित है. इन दिनों लोग जरूरी सामान की ही खरीदारी कर रहे हैं. शहर के थोक से लेकर खुदरा कारोबार का एक जैसा हाल है. उत्तर बिहार में बाढ़ के कारण दूसरे जिलों से खरीदारी नहीं हो पा रही है.
जीएसटी के बाद बाढ़ ने तोड़ी कमर
दुकानदारों का कहना था कि पहले जीएसटी के कारण एक महीने तक बाजार गिरा हुआ था. जब बाजार बनने का समय आया, तो बाढ़ ने इसे बरबाद कर दिया. रेडिमेड कारोबारी मनीष कुमार गुप्ता कहते हैं कि दुकानों में बोहनी हो जाये, यही बहुत है. खुदरा कारोबार भी कितने का होगा. इससे कारोबार नहीं चलने वाला है. हाउस होल्ड आर्टिकल के कारोबारी अंबिका ढंढारिया कहते हैं कि स्टाफ की सैलरी पर आफत आ गयी है. जब कमाई ही नहीं होगी, तो खर्च कहां से होगा. इलेक्ट्रॉनिक सामान के विक्रेता रमेश कुमार मिश्र कहते हैं कि इन दिनों शहर के खरीदार हैं. दो-चार सामान बिक जाये, यही बहुत है. गल्ला के सुरेश कुमार गुड्डू कहते हैं कि बाहर से सामान नहीं आ रहा है. हमलोग बाढ़ समाप्ति के इंतजार में हैं.
30 के बजाय दो ट्रक निकल रहा कपड़ा
शहर के सूतापट्टी कपड़ा मंडी से रोज 30 ट्रक कपड़ा निकलता था. यहां से उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों व प. बंगाल तक कपड़े की आपूर्ति की जाती थी. लेकिन बाढ़ के कारण फिलहाल रोज दो-तीन ट्रक ही कपड़ा बाहर जा पा रहा है. खरीदारी का ऑर्डर नहीं मिलने से कारोबार ठप पड़ा हुआ है. ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि माल लोड नहीं हो पा रहा. कई बड़े व्यवसायियों के यहां कपड़ों के ऑर्डर नहीं है.
नहीं हो रही त्योहार की खरीदारी
आमतौर पर दुर्गापूजा के दो महीने पहले से ही खुदरा विक्रेता थान के कपड़े, साड़ियां व रेडिमेड कपड़े की खरीदारी शुरू कर देते थे, लेकिन बाढ़ के कारण खरीदारी ठप है. थोक विक्रेता कपड़ों की विभिन्न वेराइटी रख कर खरीदारों का इंतजार कर रहे हैं. थोक कपड़ा कारोबारी विक्रम बजाज कहते हैं कि बाढ़ ने इस बार का त्योहार बरबाद कर दिया है. जिन क्षेत्रों में पानी है, वहां की दुकानों से इस बार ऑर्डर नहीं आयेगा. इससे हमलोगों को काफी नुकसान हुआ है. हमलोगों ने पहले से त्योहार की तैयारी कर रखी थी. इन कपड़ों में राशि फंस गयी है. बिक्री भी नहीं हो रही है.
बाढ़ के कारण व्यवसाय पर असर
ट्रेड पूर्व का अब का
व्यवसाय व्यवसाय
कपड़ा 60 20
रेडिमेड 02 01
गल्ला 10 04
इलेक्ट्रॉनिक 04 02
होजियरी 20 10
हाउस होल्ड आर्टिकल 03 0.30
सर्राफा 05 01
बाढ़ के कारण शहर का व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित है. उत्तर बिहार का मुख्य बाजार होने के कारण यहां से कपड़ों के अलावा अन्य जिंसों की खरीदारी होती थी, लेकिन पिछले 15 दिनों में हालात बहुत खराब हो गये हैं. व्यवसाय ठप पड़ गया है. दुकानों के कई स्टाफ बाढ़ में घिरे हैं. हमलोग खुद दुकान खोल रहे हैं, लेकिन बोहनी तक नहीं हो रही है.
पुरुषोत्तम पोद्दार, अध्यक्ष, चेंबर ऑफ कॉमर्स
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