मुजफ्फरपुर : प्रधान डाकघर स्थित रेलडाक सेवा यू मंडल में स्टेशनरी खरीदने के नाम पर गड़बड़ी हो रही है. आरएमएस में स्टेशनरी खरीदने के नाम पर 10 लाख रुपये की अनियमितता की गयी है. मामले का खुलासा होने के बाद जब इसकी जांच की गयी, तो पता चला कि स्टेशनरी खरीदने के आड़ में नकली बिल बना उसका भुगतान करा लिया गया. भुगतान चेक के माध्यम से किया गया है, लेकिन भुगतान स्टेशनरी दुकान मालिक के नाम पर नहीं बल्कि किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर किया गया.
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स्टेशनरी खरीदी नहीं 10 लाख का बिल पास
मुजफ्फरपुर : प्रधान डाकघर स्थित रेलडाक सेवा यू मंडल में स्टेशनरी खरीदने के नाम पर गड़बड़ी हो रही है. आरएमएस में स्टेशनरी खरीदने के नाम पर 10 लाख रुपये की अनियमितता की गयी है. मामले का खुलासा होने के बाद जब इसकी जांच की गयी, तो पता चला कि स्टेशनरी खरीदने के आड़ में नकली […]
इधर, जांच टीम को भुगतान के जो कागजात हाथ लगे हैं, उसमें राहुल इंटरप्राइजेज के नाम पर 30 लाख रुपये के पहले भुगतान चेक से किया गया है, जबकि दूसरे 10 लाख का भुगतान नगद करने बात कही गयी है. इधर, राहुल इंटरप्राइजेज ने जो भुगतान के बिल जांच अधिकारियों को उपलब्ध कराये हैं, उसमें 20 लाख का ही भुगतान चेक से किया गया है.
वहीं बकाया 10 लाख का भुगतान नगद नहीं करने की बात कही है. जबकि, भंडार सहायक शशि भूषण पांडे ने 10 लाख रुपये के नगद भुगतान की बात कह रहे हैं. जांच टीम अब उन 30 लाख रुपये के भुगतान की जानकारी आरएमएस के अधीक्षक से मांगी है, जिसका भुगतान चेक से किया गया है.
रेलडाक सेवा यू मंडल में अनियमितता
जांच टीम ने आरएमएस अधीक्षक से मांगा जवाब
नकली बिल बना कर कराया गया 10 लाख का भुगतान
भंडार सहायक ने कहा, नगद भुगतान किया गया
फाइल में नहीं है भुगतान की कोई भी रसीद
बैंक नहीं कर रहे सहयोग, पाेशाक छात्रवृत्ति राशि से वंचित हो रहे छात्र
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