मुजफ्फरपुर : सावन की पहली सोमवारी पर बाबा गरीबनाथ का जलाभिषेक रविवार से शुरू हो जायेगा. पहली सोमवारी पर कांवरियों के आगमन के लिए मंदिर तैयार हो चुका है. लेकिन इस बार सावन में पूरी व्यवस्था बदल दी गयी है. यह बदलाव कांवरियों के लिए किया गया है. बदली व्यस्था भी प्रशासन के लिए चुनौती से कम नहीं है.
इसी व्यवस्था में रविवार से कांविरये मंदिर पहुंचने लगेंगे. यहां पहली बार कांवरिये बाबा को अरघा के माध्यम से जल अर्पित करेंगे. इस बार कांवरिये जलाभिषेक के लिए मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं कर पायेंगे. वे मंदिर के बाहर लगे अरघा में जल डालेंगे. यह जल गर्भगृह में बाबा पर गिरेगा. भक्त बाबा पर गिरनेवाले जल को मंदिर के बाहर लगे टीवी से देख पायेंगे. इसकी व्यवस्था मंदिर प्रशासन ने की है. इस बार कांविरयों के मंदिर तक पहुंचने के लिए रूट भी बदला गया है.
अब कांवरिये प्रभात सिनेमा चौक से सीधे मंदिर की ओर प्रवेश करेंगे. अरघा पर जल डालने के बाद वे छाता चौक की ओर जायेंगे. जिला प्रशासन ने इस नये तरीके से जलाभिषेक की स्वीकृति दे दी है, हालांकि मंदिर प्रशासन इस मामले में कुछ बोलने से कतरा रहा है. सावन में मंदिर के अंदर व बाहर रह कर कांवरियों की सेवा करने वाले भक्तों का कहना है कि नयी व्यवस्था में कांवरियों को सुरक्षित जलाभिषेक कराना सभी के लिए चुनौती है.
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सावन का हर दिन शुभ, करें जलाभिषेक
बाबा गरीबनाथ मंदिर प्रबंधन ने कांवरियों से आग्रह किया है कि वे सावन के हर दिन मंदिर में जलाभिषेक कर सकते हैं. इसके लिए रविवार की रात से जलाभिषेक करने की जरूरत नहीं है. कांवरिये यह सोचते हैं रविवार की आधी रात को जलाभिषेक करने का मतलब है कि वे सोमवार को जल अर्पित कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. सावन का हर दिन शुभ है. किसी भी दिन जलाभिषेक करें. इसका फल एक जैसा है. बैद्यनाथ धाम में ऐसा ही होता है. यहा कांवरिये रोज जलाभिषेक करते हैं.
गहने पहन कर नहीं आएं मंदिर
मंदिर प्रबंधन की ओर से महिला भक्तों से अपील की गयी है कि वे गहने पहन कर मंदिर नहीं आएं. मंदिर में जलाभिषेक के समय काफी भीड़ रहती है. ऐसे में गहने छीन लेने की घटनाएं हर सावन में होती हैं. लोगों को इससे खुद सचेत रहना होगा. मंदिर में प्रवेश से पहले कीमती सामान किसी सुरक्षित जगह पर रख दें.
पहली सोमवारी को फूल से होगा महाशृंगार
बाबा गरीबनाथ का पहली सोमवारी को फूल से महाशृंगार किया जायेगा. दूसरी को पान, तीसरी को फल व चावल और चौथी को पान, फल, चावल व फूल से शृंगार होगा. इससे पहले बाबा का षोड्शोपचार पूजन होगा. पुजारी प. विनय पाठक के नेतृत्व में अन्य पुजारी बाबा की पूजा-अर्चना कर उनका शृंगार करेंगे. इस दौरान गर्भगृह बंद रहेगा. शृंगार के बाद भक्तों के दर्शन के लिए गर्भगृह खोल दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि चारों सोमवारी को स्थानीय भक्तों के लिए सोमवार की दोपहर में मंदिर से अरघा हटाया जायेगा. सुबह में कावंरियों के जलाभिषेक के बाद ही स्थानीय भक्तों को बाबा के दरबार में आने की अनुमति दी जायेगी.
पांचवीं सोमवार को दाेपहर में बंद हो जायेगा मंदिर. सावन के पांचवें सोमवार पर सात अगस्त को दोपहर दो बजे मंदिर बंद कर दिया जायेगा. इस दिन रात 11 बजे चंद्रगहण लगेगा. इसके आठ घंटे पहले सूतक लगने के कारण मंदिर का द्वार बंद कर दिया जायेगा. इस कारण बाबा का फूल से शृंगार दोपहर में ही हो जायेगा. मंदिर आठ अगस्त को दोपहर में खुलेगा. मंदिर के पुजारी पं. विनय पाठक ने कहा कि पूरे देश में सात अगस्त को चंद्रगहण है. इस कारण बाबा गरीबनाथ के अलावा शहर के अन्य मंदिर भी बंद रहेंगे.