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सदर अस्पताल के चार एंबुलेंसों काे चलानेवाला कोई नहीं

मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल परिसर में खड़े नये एंबुलेंस की जवाबदेही किसकी है, इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है. एक तरफ सरकारी एंबुलेंस के अभाव में रोजाना मरीजों को आर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ रहा है, वहीं महीने भर से चार एंबुलेंस बेकार में खड़े हैं. कोई जिम्मेदारी उठाने को तैयार […]

मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल परिसर में खड़े नये एंबुलेंस की जवाबदेही किसकी है, इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है. एक तरफ सरकारी एंबुलेंस के अभाव में रोजाना मरीजों को आर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ रहा है, वहीं महीने भर से चार एंबुलेंस बेकार में खड़े हैं. कोई जिम्मेदारी उठाने को तैयार नहीं है, जिसके चलते उनका परिचालन नहीं हो पा रहा है. जिला स्वास्थ्य समिति व एसकेएमसीएच के खींचतान में एंबुलेंस का पहिया रुका हुआ है.

पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने मेडिकल कॉलेज को महीना भर पहले चार एंबुलेंस दिया. सभी को सदर अस्पताल में खड़ा कर दिया गया. अब पेंच फंसा है कि उनका परिचालन किस तरह से किया जाए. इसके लिए विभागीय स्तर पर किसी की जवाबदेही भी अभी तक तय नहीं की जा सकी है. दूसरी ओर लाखों के एंबुलेंस लावारिश की तरह पड़े हैं. एक एंबुलेंस का अगला हिस्सा ऊपर से क्षतिग्रस्त भी हो गया है. वहीं उनका टायर भी खराब होने की संभावना है. इसी तरह कुछ दिनों तक बेकार खड़े रहे तो उनका परिचालन भी मुश्किल हो जाएगा.

पॉवर ग्रिड ने चार नये एंबुलेंस एसकेएमसीएच को दे दिये, लेकिन उसके परिचालन में होने वाले खर्च को लेकर ही खींचतान की स्थिति बनी हुई है. विभागीय लोगों की मानें तो ड्राइवर व ईंधन के साथ ही एंबुलेंस के लिए स्टॉफ भी रखने होंगे. राज्य स्वास्थ्य समिति या विभाग से कोई स्पष्ट दिशा- निर्देश नहीं मिला है. ऐसे में जिला स्वास्थ्य समिति या मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदार अफसर अपने स्तर से किसी तरह का कदम उठाने से हिचक रहे हैं.
एसकेएमसीएच पर मुजफ्फरपुर सहित उत्तर बिहार के कई जिलों के मरीजों का भार है. इसके बाद भी केवल दो एंबुलेंस मेडिकल कॉलेज के हैं.
रोजाना लगभग चार-पांच मरीज पटना रेफर किये जाते हैं. यही वजह है कि एसकेएमसीएच के आस- पास प्राइवेट एंबुलेंस वालों का पूरे दिन जमावड़ा रहता है. कई बार यह भी बात सामने आयी है कि एंबुलेंस संचालकों के साथ सेटिंग करके ही मरीजों को रेफर भी किया जाता है. शहर के कुछ निजी अस्पतालों के साथ ही पटना के निजी अस्पतालों के साथ एंबुलेंस संचालकों की मिली- भगत है.
इसके बीच में मरीजों की फजीहत होती है.
पॉवर ग्रिड ने सदर अस्पताल को दिया है चार एंबुलेंस, नहीं है कोई जवाबदेह
सदर अस्पताल में खड़े एंबुलेंस का कोई जवाबदेह नहीं
असमंजस के चलते नहीं शुरू हो पा रहा है परिचालन
जिला स्वास्थ्य समिति व मेडिकल कॉलेज आमने- सामने
पॉवर ग्रिड की ओर से मेडिकल कॉलेज के लिए चार एंबुलेंस मिले हैं. हमारी तरफ से मेडिकल कॉलेज को पत्र भेज दिया गया है कि ड्राइवर भेजकर एंबुलेंस मंगवा लें, लेकिन वे नहीं ले जा रहे. उनका कहना है कि अभी मार्गदर्शन मांगा गया है. ऊपर से कोई जवाब मिलने के बाद ही हम एंबुलेंस ले जाएंगे.
बीपी वर्मा, डीपीएम- जिला स्वास्थ्य समिति
मेडिकल कॉलेज के लिए एंबुलेंस का संचालन जिला स्वास्थ्य समिति को ही करना है. इसमें एसकेएमसीएच की कोई जिम्मेदारी नहीं है. राज्य स्वास्थ्य समिति ने हमको यही कहा गया है. एंबुलेंस का संचालन किस तरह से किया जाएगा, अब यह जिला स्वास्थ्य समिति को ही तय करना है.
जीके ठाकुर,
अधीक्षक- एसकेएमसीएच

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