वह सीतामढ़ी के रून्नीसैदपुर थाने के हृदेवपट्टी गांव निवासी सोगारथ राय की पुत्री निक्की कुमारी (आठ वर्ष) थी. स्वास्थ्य मैनेजर से मिलने के बाद शव ले जाने के लिए वाहन उपलब्ध कर दिया गया. परिजन शव को गाड़ी में रख चालक का इंतजार करने लगे. इस बीच दो घंटे बीत गये. परिजनों ने इमरजेंसी में हंगामा करने लगे. मैनेजर ने 1099 शव वाहन संचालक को फोन कर मामले की जानकारी दी.
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चालक के इंतजार में दो घंटे तक एंबुलेंस में पड़ा रहा शव
मुजफ्फरपुर: एसकेएमसीएच में प्रशासन की लापरवाही से अक्सर हंगामा होता है. एक ओर जहां सरकारी शव वाहन नहीं मिलने पर लोग बाइक से ही शव को घर ले जाते हैं, दूसरी ओर वाहन उपलब्ध होने के बावजूद निजी एंबुलेंस संचालक को फायदा पहुंचाने के लिए चालक वाहन छोड़ कर फरार हो जाता है. शुक्रवार की […]
मुजफ्फरपुर: एसकेएमसीएच में प्रशासन की लापरवाही से अक्सर हंगामा होता है. एक ओर जहां सरकारी शव वाहन नहीं मिलने पर लोग बाइक से ही शव को घर ले जाते हैं, दूसरी ओर वाहन उपलब्ध होने के बावजूद निजी एंबुलेंस संचालक को फायदा पहुंचाने के लिए चालक वाहन छोड़ कर फरार हो जाता है. शुक्रवार की दोपहर इमरजेंसी में इलाज के दौरान एक आठ वर्षीया बच्ची की मौत हो गयी.
दूसरा चालक बुलाना पड़ा
चालक के नहीं आने पर पटना स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी गयी. इसके बाद वहां से दूसरे चालक की व्यवस्था कर उसे उपलब्ध कराया गया. इसके बाद परिजन वाहन से शव को लेकर अपने घर चले गये.
1099 शव वाहन पटना से संचालित होता है. चालक के नहीं होने पर विभाग से दूसरे वाहन के चालक को एंबुलेंस के साथ भेजा गया.
संजय साह, स्वास्थ्य मैनेजर, एसकेएमसीएच
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