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दो साल में भी नहीं मिला न्यू बॉर्न चाइल्ड केयर सेंटर

मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल को दो सालों में भी न्यू बॉर्न चाइल्ड केयर सेंटर नहीं मिल सका है. एनआरएचएम के तहत अस्पताल परिसर में भवन बनकर तैयार है, लेकिन एजेंसी ने अब तक अस्पताल प्रशासन को उसे हैंड ओवर नहीं किया है. इस कारण गरीब परिवारों के नवजात बच्चों का इलाज कराना मुश्किल हो रहा […]

मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल को दो सालों में भी न्यू बॉर्न चाइल्ड केयर सेंटर नहीं मिल सका है. एनआरएचएम के तहत अस्पताल परिसर में भवन बनकर तैयार है, लेकिन एजेंसी ने अब तक अस्पताल प्रशासन को उसे हैंड ओवर नहीं किया है. इस कारण गरीब परिवारों के नवजात बच्चों का इलाज कराना मुश्किल हो रहा है.

सरकारी अस्पतालों में ऑपरेशन से जन्म लेने वाले अधिकतर बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर निजी हॉस्पिटल भेजना पड़ता है. ऐसी मुश्किलों को देखते हुए कई प्रसूता को लेकर परिजन पहले ही निजी डॉक्टरों के यहां चले जाते हैं. दो साल पहले सदर अस्पताल में न्यू बॉर्न चाइल्ड केयर सेंटर निर्माण का काम शुरू हुआ था. लोगों को राहत मिलने की उम्मीद थी. राज्य स्वास्थ्य समिति ने कोलकाता की एक एजेंसी को निर्माण की जिम्मेदारी दी थी.

एक माह में पूरा कराना था काम, बीत गया साल .करीब साल भर पहले एजेंसी ने भवन आदि बनवा कर सदर अस्पताल को हैंड ओवर करना चाहा था. हालांकि, सेंटर की चाबी लेने से पहले डीएम के निर्देश पर सीएस ने उसका निरीक्षण किया. इसमें काफी खामियां मिली थी. सीएस ने संबंधित एजेंसी को मानक के अनुसार काम पूरा कराने का निर्देश दिया. एजेंसी ने एक महीने का समय लिया. हालांकि साल भर बीत गये, लेकिन अभी तक काम नहीं कराया जा सका है.
गरीब परिवारों को मिलती राहत
सदर अस्पताल में न्यू बॉर्न चाइल्ड केयर सेंटर खुलने से गरीबों को काफी राहत मिलती. नवजात बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर बच्चों को सरकारी अस्पताल से निजी अस्पताल में भेजना पड़ता है. निजी अस्पतालों में इलाज का खर्च काफी अधिक होने से गरीब परिवारों पर आफत आ जाती है. कई बार तो पैसे का जुगाड़ नहीं होने के कारण इलाज के अभाव में बच्चों की जान भी चली जाती है. ऐसे में सरकारी अस्पताल में यह व्यवस्था शुरू होने से नवजात बच्चों को बाहर भेजने की नौबत नहीं आती.
नवजात के लिए होंगी आधुनिक सुविधाएं. न्यू बॉर्न चाइल्ड केयर सेंटर में नवजात शिशुओं के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी. वार्ड में पांच बेड रहेंगे. नवजात को होने वाली संभावित बीमारियों को देखते हुए वार्ड में सभी तरह के उपकरण की व्यवस्था की जानी है. वहीं अलग से सुविधाएं भी उपलब्ध रहेंगी. हालांकि अभी तक हैंडओवर नहीं होने के कारण उपकरण की खरीद भी नहीं की जा सकी है.
एनआरएचएम के तहत सदर अस्पताल में बनवाया गया है वार्ड
सीएस ने मानक के अनुसार सेंटर का काम पूरा कराने को कहा था
निर्देश का एजेंसी ने नहीं किया पालन
राज्य स्वास्थ्य समिति ने न्यू बॉर्न चाइल्ड केयर सेंटर बनवाने के लिए कोलकाता की एजेंसी को जिम्मेदारी दी थी. साल भर पहले ही अधूरे कार्य करा कर एजेंसी अस्पताल को सेंटर हैंडओवर कर रही थी. काम पूरा कराने का निर्देश दिया गया, लेकिन आज तक काम पूरा नहीं हो सका. इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति को पत्र लिखा गया है.
एनके चौधरी, उपाधीक्षक सदर अस्पताल

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