बदहाली. जंग खा रही दिव्यांगों की ट्रायसाइकिल, व्हील चेयर व वैशाखी
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नि:शक्तों को रुला रहा प्रशासन
बदहाली. जंग खा रही दिव्यांगों की ट्रायसाइकिल, व्हील चेयर व वैशाखी सदर प्रखंड मुख्यालय स्थित राजकीय मूक-बधिर आवासीय विद्यालय का कांफ्रेंस हॉल कबाड़खाना बना है. इसमें दिव्यांगों को बांटे जानेवाले उपकरण टायसाइकिल, व्हील चेयर व वैशाखी पड़े जंग खा रहे हैं. लेकिन जिले के हजारों दिव्यांगों को उनका लाभ नहीं मिल पाया है. िजला प्रशासन […]
सदर प्रखंड मुख्यालय स्थित राजकीय मूक-बधिर आवासीय विद्यालय का कांफ्रेंस हॉल कबाड़खाना बना है. इसमें दिव्यांगों को बांटे जानेवाले उपकरण टायसाइकिल, व्हील चेयर व वैशाखी पड़े जंग खा रहे हैं. लेकिन जिले के हजारों दिव्यांगों को उनका लाभ नहीं मिल पाया है. िजला प्रशासन की उदासीनता की वजह से दिव्यांगों का भला नहीं हो पा रहा है.
मुंगेर : दिव्यांगों को सरकार द्वारा दिये जाने वाले ट्राइसाइकिल, व्हील चेयर व वैशाखी वर्षों से मूकबधिर राजकीय विद्यालय में जंग खा रहा है. विद्यालय के क्रांफ्रेस हॉल में पिछले चार वर्षों से यह पड़ा हुआ है. जिसका समुचित वितरण दिव्यांगों के बीच नहीं हो रहा है. अलबत्ता धीरे-धीरे यह कूड़ा बनता जा रहा हैं. इसे जरूरतमंद दिव्यांगों के बीच बांटने की दिशा में जिला प्रशासन एवं समाज कल्याण विभाग पूरी तरह उदासीन है.
जंग खा रहा दिव्यांगों का सहाय उपकरण: विद्यालय के एक मात्र कांफ्रेंस हॉल को जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग ने कबाड़खाना बना रखा है़ विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक कुंदन कुमार ने बताया कि उन्होंने जब से विद्यालय में अपना योगदान दिया है, तब से कांफ्रेंस हॉल में लगभग 40 ट्रायसाइकिल, 10 व्हील चेयर तथा 10 जोड़ी वैशाखी रखा हुआ है़ जब भी सामाजिक सुरक्षा कोषांग द्वारा किसी नि:शक्त को सहाय उपकरण के लिए लिखित पत्र लेकर भेजा जाता है़ तब उसे यहां से संबंधित सहाय उपकरण उपलब्ध कराया जाता है़ हॉल में उपकरण भरे रहने के कारण कोई भी कार्यक्रम व विशेष गतिविधि के लिए बच्चों के डायनिंग हॉल का सहारा लेना पड़ता है़ दुर्भाग्य की बात है कि इन उपकरणों का चार्ज भी उन्हें नहीं मिला है़
अपने भवन में खुद हुआ पराया : प्रभारी प्रधानाध्यापक ने बताया कि राजकीय मूक- बधिर आवासीय विद्यालय के बच्चे अपने ही भवन में पराये बन कर रह गये हैं. विद्यालय भवन का आधा भाग वर्षों पहले अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय उच्च विद्यालय को दिया गया था़ किंतु उक्त विद्यालय पिछले 15 जनवरी को ही छोटीकेलाबाड़ी स्थित एक किराये के भवन में शिफ्ट हो चुका है़ बावजूद उक्त विद्यालय द्वारा भवन हस्तांतरित नहीं किया जा रहा़ जिसके कारण बच्चों को समुचित कमरा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है़
शिक्षकों का है अभाव: विद्यालय में नामांकित बच्चों के लिए जहां कुल 25 सीट स्वीकृत है़ वहीं उसे पढ़ाने के लिए विभाग द्वारा प्रधानाध्यापक सहित कुल 4 शिक्षकों का पद स्वीकृत किया गया है़ किंतु वर्तमान समय में यहां पर मात्र 2 शिक्षक ही पदस्थापित हैं. जिसके कारण एक शिक्षक तो विद्यालय के प्रबंधन में ही लगे रह जाते हैं, वहीं एक शिक्षक के भरोसे कक्षा एक से आठ तक के बच्चे पढ़ाई करने को विवश हैं.
खाली नहीं हो पा रहा मूक-बधिर आवासीय विद्यालय का कांफ्रेंस हॉल
दिव्यांगों की पढ़ाई के िलए नहीं है कोई मुफीद जगह
विद्यालय में शिक्षकों व कर्मियों की है भारी कमी
कहते हैं पदाधिकारी
जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग पदाधिकारी प्रभात भूषण ने बताया कि राजकीय मूक- बधिर आवासीय विद्यालय के कांफ्रेंस हॉल जो भी ट्रायसाइकिल, व्हील चेयर व वैशाखी रखे हुए हैं, उसकी खरीदारी तत्कालीन जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग पदाधिकारी द्वारा वर्ष 2014 में ही की गयी थी़ जरूरत के अनुसार दिव्यांगजनों को सहाय उपकरण बांटा जा रहा है़
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