अवैध धंधा. सरकार को हो रही करोड़ों रुपये के राजस्व की क्षति, हो रहा
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गिट्टी-बालू का काला कारोबार
अवैध धंधा. सरकार को हो रही करोड़ों रुपये के राजस्व की क्षति, हो रहा शहर में एक भी लाइसेंसधारी बालू गिट्टी कारोबारी नहीं हैं. लेकिन विभिन्न चौक-चौराहों पर बालू गिट्टी के ढेर अमूमन मिल जाते हैं, जहां से इसकी बिक्री होती है. कई जगहों पर तो सड़क पर ही बालू-गिट्टी गिरा कर कारोबार होता है. […]
शहर में एक भी लाइसेंसधारी बालू गिट्टी कारोबारी नहीं हैं. लेकिन विभिन्न चौक-चौराहों पर बालू गिट्टी के ढेर अमूमन मिल जाते हैं, जहां से इसकी बिक्री होती है. कई जगहों पर तो सड़क पर ही बालू-गिट्टी गिरा कर कारोबार होता है. इससे वाहनों के आवागमन में परेशानी होती है. दुर्घटनाएं भी होती हैं. दूसरी अोर अवैध रूप से खनन कर बालू ढोने का कारोबार लगातार हो रहा है. वाहन जब्त भी किया जाता है. लेकिन माफियाअों पर इसका कोई असर नहीं पड़ता. यह सब कुछ धड़ल्ले से जारी है. इस अोर पुलिस व खनन विभाग को अपना मौन तोड़ने की जरूरत है.
मुंगेर : मुंगेर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जिले के आलाधिकारियों के आंखों के सामने रोजाना लाखों रुपये का गिट्टी व बालू का अवैध काला कारोबार हो रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस ने अवैध बालू व पत्थर उत्खनन के विरुद्ध चलाये अभियान में तो लगातार ट्रैक्टर लगे बालू व गिट्टी जब्त की. लेकिन मुंगेर शहरी क्षेत्र के सफियाबाद से लेकर चूआबाग एवं मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पूरबसराय से लेकर शीतलपुर तीन बटिया तक दर्जन भर स्थानों पर गिट्टी व बालू का अवैध कारोबार चल रहा है. इस पर न तो मुंगेर पुलिस कार्रवाई कर रही और न ही खनन विभाग.
जिले में लंबे समय से बालू व पत्थर उत्खन्न पर रोक है.
बावजूद इसके शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के सड़कों का अतिक्रमण कर बिना स्टॉकिस्ट लाइसेंस के बालू और गिट्टी का काला कारोबार खुलेआम हो रहा है. इस काला कारोबार से जहां माफिया मालोमाल हो रहे हैं, वहीं सरकार को करोड़ों रुपये राजस्व का चूना लग रहा है. यहां तक कि गिट्टी-बालू की बिक्री बिना लाइसेंस व रसीद के कच्चा चिट्ठा पर ही कारोबार हो रहा.
शहरी क्षेत्र में खुलेआम हो रही बिक्री : मुंगेर शहर में बड़े पैमाने पर बालू और गिट्टी का काला कारोबार किया जा रहा है. शहर के कासिम बाजार थाना क्षेत्र के पटना रोड करबल्ला, चुआबाग, शिवनगर, हेरूदियारा, मकससपुर, कोतवाली थाना क्षेत्र के वासुदेवपुर सहित एक दर्जन स्थानों पर अवैध रूप से गिट्टी व बालू को स्टॉक पर कारोबार किया जा रहा है. जबकि शहर के मध्य मुरारी पेट्रोल पंप से बाटा चौक तथा पूरबसराय गौशाला मोड़ के समीप सुबह में दर्जनों बालू लदे ट्रैक्टर पर खुलेआम इसकी बिक्री होती है.
सरकारी नियमों को दिखा रहा ठेंगा : बालू व पत्थर उत्खनन पर रोक के लिए नियम बनाया गया है. इसके कारोबारी को खनन विभाग से स्टॉकिस्ट का लाइसेंस लेना है. जहां से पत्थर व बालू लाया जाता है उस राज्य का चलान देना है. इसके बाद जिला खनन विभाग उस चलान के आधार पर अपना चलान देगा. जिसके बाद ही बालू व गिट्टी का कारोबार किया जायेगा. लेकिन मुंगेर में एक भी कारोबारी के पास स्टॉकिस्ट लाइसेंस नहीं है. जबकि दर्जनों स्थानों पर बालू व गिट्टी का काला कारोबार होता है.
कहते हैं जिला खनन पदाधिकारी
जिला खनन पदाधिकारी उपेंद्र प्रसाद सिन्हा ने कहा कि मुंगेर जिले में एक भी संस्थान गिट्टी-बालू बेचने के लिए अधिकृत नहीं है. इस संबंध में सभी अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्षों को लिखित दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में इस अनाधिकृत व्यवसाय को त्वरित बंद करायें. खनन विभाग द्वारा भी समय-समय पर छापेमारी की जाती है.
बिना चलान का कारोबार
एक भी बालू लदे वाहन चालकों के पास चलान नहीं होता है. लेकिन बिचौलिये व पुलिस की मिलीभगत से यह धंधा बदस्तूर जारी है. पिछले दिनों मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पीरपहाड़ पर पुलिस कर्मी को चालक ने अपने गाड़ी से कुचलना चाहा तो पुलिस व खनन विभाग द्वारा अभियान चला कर आधे दर्जन वाहनों को जब्त किया गया. संग्रामपुर में भी एएसपी अभियान राणा नवीन के नेतृत्व में सात ट्रैक्टर को जब्त किया गया. जबकि गत सप्ताह बरियारपुर थाना पुलिस ने भी एक बालू लदा ट्रैक्टर जब्त किया गया. शहर में यह चर्चा का विषय है कि आखिर ग्रामीण क्षेत्रों में जब ट्रैक्टर जब्त किया जा रहा है तो शहर के मुख्य सड़कों पर इस धंधे पर कौन लगाम लगायेगा.
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