पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा समुदाय विशेष के बेरोजगारों को मोपेड व माल ढोने वाला वाहन मछली विपणन के लिए 90 प्रतिशत अनुदान पर दिया जायेगा.
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मिलेगा टेंपो, बेचेंगे मछली पहल. अनुसूचित जाति जनजाति की बेरोजगारी होगी दूर
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा समुदाय विशेष के बेरोजगारों को मोपेड व माल ढोने वाला वाहन मछली विपणन के लिए 90 प्रतिशत अनुदान पर दिया जायेगा. मुंगेर : सरकार अनुसूचित जाति-जनजाति को दूर करने एवं उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसी प्रयास के तहत पशु एवं […]
मुंगेर : सरकार अनुसूचित जाति-जनजाति को दूर करने एवं उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसी प्रयास के तहत पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा इस समुदाय विशेष के बेरोजगारों को मोपेड व माल ढोने वाला वाहन मछली विपणन के लिए 90 प्रतिशत अनुदान पर देने का फैसला लिया है. जिसके तहत मुंगेर के 21 लोगों का चयन किया गया है. जो वाहन पर मछली बेचकर अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ कर सके.
किसको मिलेगा योजना का लाभ : सरकार अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए विशेष घटक योजना के तहत 90 प्रतिशत अनुदान पर मत्स्य विपणन से जुड़े किसानों को टू, थ्री एवं फोर व्हीलर वाहन दिया जायेगा. इस योजना के तहत मत्स्य पालन एवं बिक्री से जुड़े मुंगेर के 31 लोगों को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जाना है, ताकि वे अपने कारोबार को बढ़ा कर अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ कर सके. इसके लिए इच्छुक लोगों को मत्स्य विभाग में आवेदन करना है और चयनित लोगों को विभाग इस योजना का लाभ उपलब्ध कराएगा.
स्वीकृत 21 आवेदकों को मिलेगा वाहन : अनुसूचित जाति के लिए 14 लोगों को मोपेड, 5 लोगों को माल ढोने वाला टेंपो एवं 2 लोगों को माल ढोने वाला चार चक्का वाहन दिया जाना है. मोपेड के लिए 4, टेंपो के 5 एवं चार चक्का वाहन के लिए 2 आवेदन को स्वीकृत किया गया है. जबकि अनुसूचित जनजाति में मोपेड के लिए 7, ऑटो के 2 एवं चार चक्का के लिए 1 आवेदन को स्वीकृत कर लिया गया है. जिला मत्स्य पदाधिकारी गणेश राम ने बताया कि 31 लोगों में 21 आवेदन को स्वीकृत कर लिया गया है. अनुसूचित जाति के लिए 10 मोपेड के लिए आवेदन की जांच की जा रही है. सभी चयनित लाभार्थी को 30 दिसंबर से पहले पोलो मैदान में शिविर लगा कर वाहन उपलब्ध करा दिया जायेगा.
आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने की है योजना
लाभार्थी 10 फीसदी राशि करेंगे जमा
जिला मत्स्य पदाधिकारी गणेश राम ने कहा कि इस योजना के तहत 90 प्रतिशत अनुदान पर वाहन दिया जाना है. चयनित लाभार्थी वाहन एजेंसी से कोटेशन लेकर विभाग में जमा करेंगे. लाभार्थी 10 प्रतिशत राशि खुद एजेंसी में जमा करेंगे और विभाग द्वारा 90 प्रतिशत राशि एजेंसी के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान किया जायेगा. इस योजना से एक ओर जहां बेरोजगारों को रोजगार के अवस प्रदान होंगे, वहीं मत्स्य विपणन से जुड़े लोगों को भी आसानी होगी. कम समय में अधिक मछली दूर तक जाकर बेच सकेंगे. उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी.
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