मुंगेर : बसंत के आगमन पर पक्षियों के कलरव, भौरों के गुन-गुन, आम के पेड़ में मंजरों के निकलने के बीच सरस्वती की वीणा की झंकार से जिले का वातावरण झंकृत हो गया. सरस्वती पूजनोत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया.विद्या की देवी माता सरस्वती की आराधना में पूरा शहर डूबा हुआ है. जिधर देखो उधर ही पंडालों में स्थापित माता सरस्वती की प्रतिमा को स्थापित कर श्रद्धालु पूजा आराधना करने में लीन दिख रहे हैं.
वहीं लोग घूम-घूम कर आस-पास के पूजा पंडालों का अवलोकन करते नजर आ रहे हैं. वैदिक मंत्रोच्चर के साथ मंगलवार को माता सरस्वती की पूजा आराधना की गयी. शहर के विभिन्न निजी विद्यालयों व शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं ने मां शारदे की पूजा की. शहर के चौक बाजार, मुर्गिया चौक, गुलजार पोखर, पूरबसराय, रायसर, माधोपुर, मोगल बाजार, 2 व 3 नंबर गुमटी, दलहट्टा, वासुदेवपुर, लाल दरवाजा, बड़ी बाजार, कौड़ा मैदान, शादीपुर, संदलपुर सहित विभिन्न स्थानों पर सरस्वती मां की प्रतिमा स्थापित की गयी.
शहर के सभी जगह बने पूजा पंडालों में दिन भर चहल-पहल बनी रही. दोपहर तक लगभग सभी जगह मां शारदे की विधिवत पूजा की जा चुकी थी. मां के पट खुल चुके थे. सुबह होते ही सजावट को पूरा कर पंडितों के वेद मंत्र से प्राण प्रतिष्ठा सहित पूजा-अर्चना हुई. आरती के बाद प्रसाद वितरण शुरू हुआ. शाम में पुन: भजन-कीर्तन के बाद आरती संपन्न हुई. दिन भर बच्चे व महिलाओं की टोली पंडालों में देवी का दर्शन कर प्रसाद ग्रहण करती रहीं. इसके बाद पूजा पंडालों में मूर्ति के दर्शन के लिए लोगों की भीड़ देर शाम तक लगी रही.
गुरु-शिष्य का रिश्ता होता है मजबूत
वसंत ऋतु के आगमन पर वसंत पंचमी को सरस्वती पूजा की जाती है. छात्र मां की पूजा-अर्चना करते हैं. शिक्षकों के निर्देशन में छात्र-छात्राएं साज-सज्जा करते हैं. पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करते हैं. छात्राएं एक-दूसरे को अबीर लगा कर वसंतोत्सव मनाती हैं. मां का आशीर्वाद लेती हैं. विद्यार्थी गुरु का आशीर्वाद लेते हैं. शिक्षक की देख रेख में बच्चे अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करते हैं. यह पर्व छात्र एवं शिक्षक के रिश्ते तो मजबूत करता है.