मुंगेर : केंद्र सरकार के मजदूर विरोधी नीति एवं 12 सूत्री मांगों के समर्थन में शुक्रवार को केंद्रीय श्रम संगठनों के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का जिले में व्यापक असर रहा. ट्रेड यूनियन समन्वय समिति के बैनर तले मजदूर नेताओं ने जहां जमालपुर एवं मुंगेर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन को रोका. वहीं घूम-घूम कर बैंक, बीमा, डाकघर, बीएसएनएल कार्यालय को बंद कराया. जबकि संग्रामपुर में आंदोलनकारियों ने सड़क जाम किया. जिसके कारण उपभोक्ताओं एवं यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
जिला ट्रेड यूनियन समन्वय समिति के बैनर तले आंदोलनकारी महिला-पुरुषों ने अपने-अपने संगठनों के बैनर लेकर जुलुस निकाला. जुलूस शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए गुजरा. जुलूस स्टेट बैंक मुख्य शाखा पहुंच कर बंद कराया. जबकि पंजाब नेशनल बैंक, ग्रामीण बैंक सहित सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंकों को भी बंद कराया गया. जबकि बीमा, बीएसएनएल, डाक घर को भी आंदोलनकारियों ने बंद करा दिया. जिसके कारण के उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. कुछ बैंक एक से दो घंटे बाद खोल दिये गये. लेकिन उपभोक्ताओं की संख्या कम हो गयी.
इधर एटक से संबद्ध निर्माण कामगार यूनियन के आंदोलनकारियों ने मुंगेर रेलवे स्टेशन पर पहुंच कर जमालपुर से खगड़िया जाने वाली पैसेंजर ट्रेन के ट्रेक को जाम कर दिया. आधे घंटे तक आंदोलनकारियों ने जाम रखा. जिसके कारण ट्रेन आधे घंटे तक बंद रही. ट्रेन जाम आंदोलन में रामविलास मंडल, संजीवन कुमार सिंह, मुकेश कुमार मो. नूर पप्पू, रविंद्र महतो, गोपाल कुशवाहा, सीमा देवी शामिल थी. इधर आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, मध्याह्न भोजन रसोइया संघ सहित अन्य संगठनों ने अलग-अलग टोली में जुलूस निकाल कर हड़ताल को सफल बनाया. जुलूस में बैंक संघों के नेता कुंदन कुमार सिन्हा, सुशील कुमार सिन्हा, रतन लाल मंडल, आंगनबाड़ी संघ की रश्मि कुमारी, अनिता देवी, एटक के दिलीप कुमार, जगदीश मंडल, बिजली संघ के जय शंकर रजक, कर्मचारी महासंघ के सतीश प्रसाद सतीश, बीएसएसआर यूनियन के डीपी राय, एआइयूटीयूसी के प्रमोद कुमार सहित अन्य शामिल थे. ——
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आशा कार्यकर्ता अस्पताल परिसर में बैठी धरना परमुंगेर : केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आह्वान पर अखिल भारतीय मजदूर हड़ताल को लेकर बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ गोपगुट शाखा मुंगेर द्वारा सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष धरना दिया गया. धरना की अध्यक्षता उषा कुमारी ने की. वक्ताओं ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में हमलोगों के मेहनत की बजह से टीकाकरण, पोलियो, प्रसव कार्य प्रगति पर रहा. फिर भी केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार मानदेय तक भुगतान नहीं करती है. जबकि अन्य राज्यों में आशा कार्यकर्ताओं को मानदेय दिया जा रहा है. मौके पर जिला सचिव जुली कुमारी, मेहरू निशा, रंजना कुमारी, कल्याणी कुमारी, नीलम, किरण कुमारी, साधना देवी, चंद्रमा देवी, गोपगुट के संरक्षक भवेश कुमार यादव, सचिव सतीश प्रसाद सतीश अन्य मौजूद थे
संग्रामपुर में आंदोलनकारियों ने किया सड़क जाम
सड़क जाम करते मजदूर संग्रामपुर : नयी श्रमिक नीति एवं बेहतर वेतन की मांग को लेकर केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आह्वान पर वामपंथी मजदूर संगठन के कार्यकर्ताओं ने संग्रामपुर में जुलूस निकाला. बाद में संग्रामपुर चौक पर तारापुर-देवघर मार्ग को जाम कर दिया. कार्यकर्ता अपने-अपने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर सड़क को जमा किया. जिसके कारण सुलतानंगज-देवघर मार्ग पर 3 घंटे तक परिचान बाधित रहा. वक्ताओं ने कहा कि सराकर पूंजीपतियों को बढ़ावा देकर मजदूरों का शोषण कर रही है. जिसके कारण यह आम हड़ताल किया गया है. मौके पर कृष्णदेव साह, भरत मंडल, रंजीत राम, पुष्पा देवी, उर्मिला देवी शामिल थी.
धरहरा में पीएम व सीएम का फुंका पुतला
पुतला दहन करते मजदूर धरहरा : राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल को लेकर शुक्रवार को एसयूसीआइ के एआइयूटीयूसी मजदूर संगठन द्वारा ब्लॉक रोड मोड़ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला फुंका गया. एआइयूटीयूसी के जिला सचिव दिनेश व एसयूसीआइ नेता कामेश्वर रंजन के नेतृत्व में विभिन्न मजदूर संगठनों के आंदोलनकारियों द्वारा धरहरा, जगदीशपुर, मुख्य बाजार में केंद्र व राज्य सरकार के विरोध में नारेबाजी की. ब्लॉक मोड़ पर पुतला दहन करने के बाद धरहरा-जमालपुर मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. जिसके कारण आधे घंटे तक आवागमन बाधित रहा. मौके पर अभिनय कुमार, कुसुम देवी, किरण देवी, विमला देवी, चिंता देवी, रीमा देवी सहित अन्य मौजूद थे.
बैंक और पोस्ट ऑफिस रहे बंद
हवेली खड़गपुर : शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर सरकारी उपक्रम तक ही सीमित रहा. पर सरकारी कार्यालय और अस्पताल खुले रहे. बैंक और पोस्ट आफिस बंद रहे. आंगनबाड़ी सेविका संघ और रसोईया संघ अपने अपने मांगो का ज्ञापन सम्बन्धित पदाधिकारियों को सौंपा. रसोईया संघ के हड़ताल के कारण विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बंद रहा और आंगनबाड़ी केंद्र भी नहीं खुले. हड़ताल का प्रभाव बाजार और परिवहन पर नहीं दिखा.