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राहत सामग्री लेने में मारामारी

हकमारी. बहती गंगा में हाथ धो रहे कुछ लोग, पीड़ितों का मार रहे हक आपदा की इस घड़ी में सरकार की ओर से पीड़ितों को राहत उपलब्ध करायी जा रही. विभिन्न संस्थाओं तथा आम जनों की ओर से भी पीड़ितों के मदद को हाथ बढ़ाये जा रहे हैं. लेकिन राहत शिविरों में पहुंचाये जा रहे […]

हकमारी. बहती गंगा में हाथ धो रहे कुछ लोग, पीड़ितों का मार रहे हक

आपदा की इस घड़ी में सरकार की ओर से पीड़ितों को राहत उपलब्ध करायी जा रही. विभिन्न संस्थाओं तथा आम जनों की ओर से भी पीड़ितों के मदद को हाथ बढ़ाये जा रहे हैं. लेकिन राहत शिविरों में पहुंचाये जा रहे सामग्री के अनुरूप पीड़ितों की संख्या लगभग हर जगहों पर अधिक है़
मुंगेर : बाढ़ की विभीषिका से न सिर्फ पीड़ित परिवार त्रस्त हैं, बल्कि अन्य लोग भी इस प्राकृतिक आपदा से मर्माहत हैं. आपदा की इस घड़ी में सरकार की ओर से पीड़ितों को राहत उपलब्ध करायी जा रही. विभिन्न संस्थाओं तथा आम जनों की ओर से भी पीड़ितों के मदद को हाथ बढ़ाये जा रहे हैं. लेकिन पीड़ित परिवार राहत सामग्री लेने के दौरान संयम नहीं बरत पा रहे. आपस में ही मारामारी करने से स्थिति काफी गंभीर हो रही है.
इतना ही नहीं जिन गैर बाढ़़ पीड़ितों को मदद के लिए सामने आना चाहिए था, वे भी राहत की बहती गंगा में हाथ धोने में लगे हुए हैं. जिला स्कूल राहत केंद्र पर सोमवार को साड़ी-धोती बांटने के दौरान भी कई ऐसी महिलाएं सामने आयीं, जो इस राहत केंद्र की नहीं थीं तथा शहर के उस मुहल्ले की थीं, जहां बाढ़ नहीं है.
धैर्य खो रहे बाढ़ पीड़ित हो जाती है आपाधापी
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद बारी- बारी से जिले के विभिन्न राहत शिविरों में पीड़ितों को भोजन करने के लिए स्टील की थाली व ग्लास उपलब्ध करायी जा रही है़ वहीं रविवार से पीड़ितों के बीच कपड़ों का वितरण भी शुरू कर दिया गया है़
मालूम हो कि शिविरों में अधिकांशत: गरीब तबके के ही पीड़ित परिवार शरण लिये हुए हैं. छोटी सी वस्तु का वितरण होने पर वे अपना धैर्य खो बैठते हैं तथा मौके से चूक जाने के ख्याल से वह सामग्री पहले प्राप्त करने के लिए आपस में ही जोर- आजमाइश करने लग जाते हैं. जिला स्कूल, मॉडल स्कूल, टाउन स्कूल, उच्च विद्यालय सीताकुंड सहित अन्य स्थानों पर बनाये गये बाढ़ राहत शिविर में थाली वितरण के दौरान पीड़ित परिवार आपस में ही झगड़ने लगे़ वहीं स्टील की थाली- ग्लास के लालच में कुछ गैर बाढ़ पीड़ित लोग भी पीड़ितों के झुंड में शामिल हो कर अपना उल्लू सीधा करने में लग गये.
सोमवार को जिला स्कूल में साड़ी व धोती का वितरण किया जा रहा था़ इसी दौरान मिन्नतनगर की एक उम्रदराज महिला भी पीड़ितों के भीड़ में शामिल हो कर कपड़ा लेने ही वाली थी, जिसे पीड़ितों की ओर से पकड़ लिया गया़ गैर बाढ़ पीड़ित महिला के उम्र का ख्याल कर उन्हें सिर्फ डांट- फटकार कर शिविर से बाहर कर दिया गया़ ऐसी स्थिति कई अन्य शिविरों में भी बनी हुई है़ जो पीड़ितों के लिए परेशानी उत्पन्न कर रही है़
राहत सामग्री से अधिक पायी जा रही पीड़ितों की संख्या
राहत शिविरों में पहुंचाये जा रहे सामग्री के अनुरूप पीड़ितों की संख्या लगभग हर जगहों पर अधिक है़ बताते चलें कि उच्च विद्यालय सीताकुंड में लगभग 500 पीड़ितों ने शरण ले रखा है, लेकिन रविवार की देर शाम प्रशासनिक स्तर पर वहां पर मात्र 300 लोगों के बीच ही थाली का वितरण किया गया़ पीड़ितों को आश्वासन दिया गया कि बांकी लोगों को सुबह में थाली उपलब्ध कराया जायेगा़ लेकिन सोमवार की देर शाम तक वहां बांकी लोगों के बीच थाली का वितरण नहीं किया गया़ उसी तरह जिला स्कूल में अब भी दर्जनों पीड़ित यह दाबा कर रहे हैं कि उनलोगों को थाली व ग्लास उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है़

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