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व्यवहार न्यायालय में न्यायिक कार्य रहा ठप

आंदोलन. प्रवेश द्वार बंद करने का विरोध व्यवहार न्यायालय परिसर के प्रवेश द्वारों को बंद करने के विरोध में अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य नहीं किया. मुंगेर : मुंगेर व्यवहार न्यायालय परिसर के उत्तरी मुख्य द्वारों के साथ ही विधिज्ञ संघ के सामने वाले गेट संख्या 3 को बंद करने के विरोध में मंगलवार को अधिवक्ताओं […]

आंदोलन. प्रवेश द्वार बंद करने का विरोध

व्यवहार न्यायालय परिसर के प्रवेश द्वारों को बंद करने के विरोध में अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य नहीं किया.
मुंगेर : मुंगेर व्यवहार न्यायालय परिसर के उत्तरी मुख्य द्वारों के साथ ही विधिज्ञ संघ के सामने वाले गेट संख्या 3 को बंद करने के विरोध में मंगलवार को अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य नहीं किया. जिसके कारण मुंगेर व्यवहार न्यायालय में न्यायिक कामकाज पूरी तरह ठप रहा. विभिन्न न्यायालयों में न्यायाधीश व न्यायिक दंडाधिकारी तो बैठे लेकिन अधिवक्ताओं ने कोई काम नहीं किया और न ही मुकदमों में हाजिरी व पैरवी की गयी.
गत माह सुरक्षा कारण बताते हुए मुंगेर व्यवहार न्यायालय के मुख्य उत्तरी द्वार सहित तीन प्रवेश द्वारों को बंद कर दिया गया और मात्र एक दक्षिणी द्वार खोल कर रखा गया है. जिसके कारण अधिवक्ताओं को न्यायालय आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है. यहां तक कि विधिज्ञ संघ द्वार के ठीक सामने वाले गेट संख्या 3 को भी बंद कर दिया गया. फलत: मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं मुंसिफ न्यायालयों में न्यायिक कार्य के लिए जाने वाले अधिवक्ताओं को विधिज्ञ संघ भवन से घूम कर जाना पड़ रहा है. सबसे अधिक परेशानी उपभोक्ता न्यायालय व आयुक्त के न्यायालय जाने में हो रही. अधिवक्ताओं को या तो इंडोर स्टेडियम रोड से जाना पड़ रहा है या फिर अनुमंडल कार्यालय होते हुए आयुक्त व उपभोक्ता न्यायालय जाना पड़ रहा. इसमें बुजुर्ग अधिवक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है.
जिला जल से किया था अनुरोध : व्यवहार न्यायालय के प्रवेश द्वारों को बंद करने के मामले को लेकर मुंगेर विधिज्ञ संघ का एक प्रतिनिधि मंडल गत 29 जुलाई को जिला एवं सत्र न्यायाधीश से मिल कर अपनी समस्याओं को रखा था. जिसमें मुंगेर बार एसोसिएशन के तदर्थ समिति के महासचिव अभिमन्यु मंडल, शालंधर प्रसाद केसरी, रामचरित्र प्रसाद यादव, शशिशेखर प्रसाद सिंह, कमल किशोर प्रसाद शामिल थे. लेकिन अधिवक्ताओं के अनुरोध के बावजूद गेट नंबर 3 या अन्य द्वार नहीं खोला गया.
मुकदमे की हाजिरी-पैरवी नहीं की
अधिवक्ताओं में भारी रोष
व्यवहार न्यायालय परिसर के प्रवेश द्वार को बंद करने के मामले को लेकर अधिवक्ताओं में भारी रोष है. सोमवार को जहां मुंगेर विधिज्ञ संघ के आमसभा में अधिवक्ताओं ने अपने को न्यायिक कार्य से अलग रखने का निर्णय लिया. वहीं जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा बुलाये गये बैठक में भी बार एसोसिएशन के अधिकारी या प्रतिनिधि भाग नहीं लिये. तदर्थ समिति रामचरित्र प्रसाद यादव ने कहा कि सुरक्षा का बहाना बनाकर कोर्ट परिसर के प्रवेश द्वारों को बंद करना पूरी तरह गलत है. इससे काफी परेशानी हो रही. जब तक प्रवेश द्वारों को नहीं खोला जाता मुंगेर विधिज्ञ संघ के अधिवक्ता न्यायिक कार्य में भाग नहीं लेंगे.

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