मुंगेर: शहीद एसपी केसी सुरेंद्र बाबू के हत्या के नौ साल बाद भी अबतक हत्यारों को सजा नहीं मिल पायी है. कई आरोपी रिहा हो चुके हैं और कई के विरुद्ध न्यायालय में मामले लंबित है. पुलिस विभाग ने रिहा होने वाले मामलों की समीक्षा के बाद कांडों को पुन: रीओपेन करते हुए अनुसंधान तो प्रारंभ किया किंतु उसकी स्थिति भी मंथर है. अबतक कांड के चार चश्मदीद का बयान न्यायालय में दर्ज कराया है.
आरोपित हो चुके हैं रिहा
एसपी हत्याकांड के मूल केस सत्रवाद संख्या 429/06 एवं सत्रवाद संख्या 329/07 का निष्पादन हो चुका है. इस मामले में पुलिस ने अपने अनुसंधान के दौरान जमुई जिले के सोनो थाना अंतर्गत बिच्छागढ़ निवासी भोपाल ठाकुर व मंगल राय के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था. पुलिस रिकार्ड के अनुसार इन आरोपियों ने हत्याकांड में अपनी संलिप्तता भी स्वीकारी थी. लेकिन जब मामले की सुनवाई हुई तो गवाहों ने न्यायालय में अभियुक्त की पहचान नहीं की. फलत: साक्ष्य के आरोप में ये लोग रिहा हो गये. दूसरे मामले में भी खड़गपुर के प्रसंडो निवासी राजकुमार दास के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया गया था और वह भी न्यायालय द्वारा निष्पादित हो चुका है.
अनुसंधान की गति मंथर
एसपी हत्याकांड के री-ओपेन होने के बावजूद अनुसंधान की गति मंथर है. एसपी हत्याकांड को री-ओपेन करते हुए अनुसंधान पदाधिकारी ने न्यायालय से अनुरोध किया था कि तारापुर के तत्कालीन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सनत कुमार श्रीवास्तव, अवर निरीक्षक रामानंद सिंह, आरक्षी कृष्णानंद यादव, मार्शल टोकनो, भृगु सोरेन का बयान इस कांड में दर्ज होना आवश्यक है. क्योंकि ये लोग घटना के समय मौजूद थे और कांड के संदर्भ में जानकारी रखते हैं. इनमें कई लोगों के बयान न्यायालय में दर्ज हो चुके हैं तथा पुलिस ने छह अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा है. किंतु घटना के नौ साल बाद भी शहीद एसपी सुरेंद्र बाबू के हत्यारों को सजा नहीं मिल पायी है.